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दिमागी कसरत के लिए मेपोलॉजी, मंदिर-घाट जैसे बोर्ड पजल और ब्रेन टीजर बन रहे पसंद

नेशनल पजल डे आज : पजल सॉल्व करने से मनोरंजन के साथ ही याददाश्त होती है बेहतर

खुद को फिजिकली फिट रखने के लिए जिस तरह शारीरिक व्यायाम करते हैं ठीक उसी तरह दिमागी तंदुरुस्ती के लिए के लिए भी कुछ प्रयास किए जाने चाहिए ताकि ब्रेन एक्टिव रहे और प्रॉब्लम सॉल्विंग एप्टीट्यूड बेहतर हो। बोर्ड पजल को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए अब मंदिर और घाटों के चित्रों वाली पजल भी आने लगी हैं। इसके अलावा वर्ल्ड मैप, मॉन्यूमेंट्स पजल व मेपोलॉजी पर पजल आ रही हैं जो कि ब्रेन एक्सरसाइज के साथ ही नॉलेज बढ़ाने का काम करती हैं। यह गेम न सिर्फ गेम्स ना केवल मन लगाने का जरिया हैं, बल्कि ये दिमाग को स्टिमुलेट करने का भी काम करते हैं। मनोविशेषज्ञ ब्रेन एक्सरसाइज गेम्स को दिमागी कसरत के लिए अच्छा व्यायाम मानते हैं। नेशनल पजल डे के मौके पर इन माइंड गेम्स को फिजिकल एक्सरसाइज की तरह ही दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है।

मेटल वायर पजल

यह एक तरह का आईक्यू टेस्ट गेम है, जिसे बच्चों से लेकर बड़े तक सभी खेल सकते हैं। एक बॉक्स के भीतर हार्ड मेटल के अलग- अलग डिजाइन्स होते हैं जिन्हें दिमाग लगाकर अनलॉक करना होता है।

जिगसॉ पजल्स

जिगसॉ पजल्स गेम ब्रेन को शॉर्प रखते हैं। फ्रंटियर्स ऑफ एजिंग न्यूरोसाइंस में एक रिसर्च में पता चला कि यह गेम कई क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करता है। यह विजुअल मेमोरी को भी बढ़ा सकता है। इसमें अब मंदिर-घाट जैसी पजल भी आ रही हैं।

मैग्नेटिक बोर्ड गेम

इस गेम से लॉजिकल थिंकिंग, आईक्यू बूस्ट, जियोमेट्रिक अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है। यह ब्रेन बूस्टर गेम कहते जाते है। इसमें बुक में बताए शेप को मैग्निक बोर्ड पर सेट करना होता है। इसमें अलग-अलग साइज के मैग्नेटिक पीस होते हैं।

सुडोकू

इस नंबर पजल गेम सुडोकू में ग्रिड फिल करना होता है। इस गेम को नियमित तौर पर खेलने से न केवल फोकस बढ़ता है बल्कि याददाश्त में भी सुधार होने लगता है।

एडल्ट मेमोरी बुक

पजल में कई बुक्स डिजाइन की जा रही हैं जो कि एडल्ट मेमोरी को बूट करने से हिसाब से तैयार की जाती हैं। इसमें कई तरह की पजल और सुडोकू, पिक्चर पजल, वर्ड पजल, क्रॉसवर्ड शामिल होती हैं।

प्रॉब्लम सॉल्विंग एप्रोच बेहतर होने लगती है

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए ब्रेन गेम्स लाभकारी हो सकते हैं। पजल के अलग-अलग बॉक्स और पड़ाव एक नई समस्या लेकर आते हैं। इसे सॉल्व करते समय मनोरंजक अंदाज में समस्याओं को सुलझाना सीखते हैं। अलग-अलग डिब्बों को उठाते हुए हम सोचते हैं कि इसे कहां लगाना है, क्यों लगाना है, इससे क्या बनेगा। इससे कल्पना शक्ति का भी विस्तार होता है और अंत में वे समस्या को सुलझाना भी सीख जाते हैं। यह प्रॉब्लम सॉल्विंग एप्टीट्यूट और रीजनिंग जीवन भर उनके काम आती है? क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे खेल खेलने वाले लोगों में 9 से 11 फीसदी तक डिमेंशिया होने का खतरा कम हो सकता है। यह गेम न सिर्फ गेम्स ना केवल मन लगाने का जरिया हैं, बल्कि ये दिमाग को स्टिमुलेट करने का भी काम करते हैं। -डॉ. शिखा रस्तोगी, मनोविशेषज्ञ

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