पटना। सबसे हॉट मानी जा रही राघोपुर सीट से जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी ने यहां से चंचल सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने अपनी चुनावी यात्रा की शुरुआत राघोपुर से की थी, जिससे उम्मीद थी कि वे तेजस्वी यादव को सीधी चुनौती देंगे। PK ने खुद किया स्पष्ट – नहीं लड़ूंगा चुनाव
चंचल सिंह को मिला टिकट
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन अब खुद प्रशांत किशोर ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि वे इस बार कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। जन सुराज पार्टी ने राघोपुर से चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को टक्कर देंगे।
‘अमेठी जैसी हार’ का दावा
प्रशांत किशोर ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत राघोपुर से करते हुए कहा था कि वे तेजस्वी यादव को उनके गढ़ में ‘अमेठी जैसी हार’ देंगे। इस बयान के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे खुद राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन अब पार्टी की ओर से चंचल सिंह को सिंबल दिए जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशांत किशोर चुनावी राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभाएंगे, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम करते रहेंगे।
"चुनाव नहीं लड़ूंगा, संगठनात्मक काम जारी रखूंगा"
प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। पार्टी ने फैसला किया है। मैं पार्टी में जो काम करता रहा हूं, करता रहूंगा और संगठनात्मक कार्यों पर ध्यान दूंगा।” उन्होंने आगे कहा कि पार्टी उन्हें चुनाव नहीं लड़ाना चाहती और यही कारण है कि राघोपुर से उम्मीदवार का ऐलान कर दिया गया है।
116 उम्मीदवारों की घोषणा
जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने चंचल सिंह को राघोपुर सीट से पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया। अब तक जन सुराज ने कुल 116 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। राघोपुर समेत उन सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है, जहां से प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की संभावनाएं जताई जा रही थीं।
15 अक्टूबर को करेंगे नामांकन
तेजस्वी यादव तीसरी बार राघोपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। वे 15 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस बार मुकाबला चौंकाने वाला हो सकता है क्योंकि जन सुराज पार्टी की ओर से चंचल सिंह एक मजबूत प्रत्याशी के तौर पर सामने आए हैं।
प्रशांत किशोर का बड़ा दांव
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अगर जन सुराज को विधानसभा चुनाव में 150 से कम सीटें मिलती हैं तो वे इसे अपनी व्यक्तिगत हार मानेंगे। उनके मुताबिक, अब किसी तरह की नई राजनीतिक घोषणा की संभावना नहीं है और पूरा ध्यान संगठन और चुनाव प्रचार पर रहेगा।
चुनाव दो चरणों में
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। ऐसे में अब राघोपुर सीट पर सभी की निगाहें चंचल सिंह और तेजस्वी यादव के बीच होने वाली टक्कर पर टिकी होंगी।
प्रशांत किशोर के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले ने बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है। वे अब रणनीतिकार की भूमिका में रहकर अपनी पार्टी को चुनावी सफलता दिलाने की कोशिश करेंगे। राघोपुर सीट पर चंचल सिंह को उतार कर जन सुराज ने यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी नेतृत्व की बजाय संगठन और टीम को आगे बढ़ाना उसकी प्राथमिकता है।