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विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाले बीजेपी के सभी सांसदों ने दिया इस्तीफा, MP के सांसद भी शामिल

नई दिल्ली। हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाले भारतीय जनता पार्टी के 12 सांसदों में से 10 ने बुधवार को संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों ने बताया कि दो अन्य सांसद भी जल्द इस्तीफा देंगे। मंगलवार देर रात जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद यह फैसला हुआ। इसके बाद आज सभी सांसदों ने अपना-अपना इस्तीफा दे दिया।

इन सांसदों में  मध्य प्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप और रीति पाठक हैं। वहीं छत्तीसगढ़ से अरुण साव और गोमती साई जबकि राजस्थान से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीना शामिल हैं।

दो अन्य सांसद भी जल्द देंगे इस्तीफा

सूत्रों ने बताया कि दो अन्य सांसद केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और महंत बालकनाथ भी लोकसभा से इस्तीफा देंगे। यह कदम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नए मुख्यमंत्रियों के चयन की पार्टी नेतृत्व की प्रक्रिया का हिस्सा है।

बीजेपी ने 21 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था

हाल में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाले भाजपा के सभी सांसदों ने अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हैं। पार्टी ने इन सांसदों और मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। बीजेपी ने कुल 21 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था। भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में 7-7, छत्तीसगढ़ में 4 और तेलंगाना में 6 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था।

विधानसभा और संसद में से एक का करना होता है चयन

वहीं संविधान के प्रावधानों के तहत विधानसभा चुनाव जीतने वाले सांसदों को 14 दिनों के अंदर ही विधानसभा और संसद सदस्यता में से एक का चयन करना होता है, नहीं तो वे अपनी संसद सदस्यता खो सकते थे।

जानें ऐसा क्यों

संविधान विशेषज्ञ एवं लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचारी ने संविधान के अनुच्छेद 101 के तहत 1950 में राष्ट्रपति द्वारा जारी ‘एक साथ दो सदनों की सदस्यता का प्रतिषेध संबंधी नियम’ का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो 14 दिन की अवधि समाप्त होने पर वे संसद की सदस्यता खो देंगे। हालांकि, वे राज्य विधानसभा के सदस्य बने रह सकते हैं।

इसी तरह अगर कोई लोकसभा का सदस्य राज्यसभा का सदस्य भी बन जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 10 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना होता है। संविधान के अनुच्छेद 101(1) और रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 68(1) में इसका प्रावधान है।

वहीं, अगर कोई व्यक्ति दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ता है और दोनों ही जगह से जीत जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर किसी एक सीट से इस्तीफा देना होता है। यही बात विधानसभा चुनाव में भी लागू होती है। दो सीट से जीतने पर कोई सीट 14 दिन के भीतर छोड़नी पड़ती है।

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