
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस से मुलाकात की। दोनों की यह बैठक ढाका में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के एक कार्यक्रम के दौरान हुई। यह पिछले तीन महीनों में यूनुस और एलेक्स की दूसरी मुलाकात थी।
यूनुस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और आर्थिक सुधारों पर चर्चा हुई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एलेक्स सोरोस ने बांग्लादेश में किए जा रहे आर्थिक सुधारों के प्रयासों के लिए यूनुस की सराहना भी की।
बांग्लादेश को अमेरिका से झटका
26 जनवरी को अमेरिकी सरकार ने बांग्लादेश को दी जाने वाली सभी प्रकार की वित्तीय सहायता पर रोक लगाने का निर्णय लिया। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शपथ ग्रहण के बाद विदेशी सहायता रोकने के आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद आया।
इसके तहत, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने बांग्लादेश में अपनी सभी परियोजनाओं को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया। USAID की ओर से जारी एक आधिकारिक पत्र में कहा गया कि बांग्लादेश को दी जाने वाली सभी सब्सिडी, सहकारी समझौतों और अन्य सहायता कार्यक्रमों को तुरंत निलंबित कर दिया जाए।
गरीब देशों को मिलने वाली स्वास्थ्य सहायता भी प्रभावित
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में न केवल बांग्लादेश बल्कि अन्य गरीब देशों को दी जाने वाली स्वास्थ्य संबंधी सहायता पर भी रोक लगा दी गई है। इससे बांग्लादेश की पहले से ही बिगड़ती आर्थिक स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।
बांग्लादेश की गिरती अर्थव्यवस्था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश का आर्थिक मॉडल विफल होता नजर आ रहा है। वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बांग्लादेश की GDP वृद्धि दर का पूर्वानुमान 5.8% से घटाकर 5.7% कर दिया है। महंगाई दर 10% के करीब पहुंच गई है, जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ी है। बजट घाटा बढ़ रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। बांग्लादेशी टका की वैल्यू में गिरावट देखी जा रही है, जिससे आयात महंगा हो रहा है। 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से 10 लाख से अधिक लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं।
जॉर्ज सोरोस और भारत से उनके संबंध
जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। उन्हें दुनिया के विभिन्न देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। 1999 में ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ ने भारत में प्रवेश किया और कई सामाजिक सुधार परियोजनाओं में निवेश किया। 2014 में भारत में न्याय प्रणाली, दवा और विकलांगता सहायता के लिए फंडिंग शुरू की। 2016 में भारत सरकार ने इस फंडिंग पर रोक लगा दी। अगस्त 2023 में म्यूनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस में जॉर्ज सोरोस ने कहा कि “भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं।”
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