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अमेरिका ने 205 भारतीयों को किया डिपोर्ट, पहली बार सैन्य विमान से भारत भेजे गए 104 अवैध प्रवासी, अमृतसर में उतरा अमेरिकी वायुसेना का C-17 एयरक्राफ्ट

अमृतसर। अमेरिकी प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ की जा रही सख्ती के तहत बुधवार को अमेरिका की वायुसेना का C-17 ट्रांसपोर्ट विमान 205 भारतीयों को लेकर पंजाब के अमृतसर में उतरा। ये सभी भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे और उन्हें डिपोर्ट कर भारत भेजा गया है। इनमें से 104 लोगों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया। इसमें 13 बच्चे, 72 पुरुष और 19 महिलाएं शामिल हैं।

यह पहली बार है जब अमेरिकी प्रशासन ने सैन्य विमान के जरिए भारतीय प्रवासियों को देश वापस भेजा है। इससे पहले अमेरिका ने ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास जैसे देशों के अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान के जरिए वापस भेजा था, लेकिन भारत अब तक का सबसे दूरस्थ गंतव्य बन गया है जहां सैन्य विमान से लोगों को डिपोर्ट किया गया है।

टेक्सास से उड़ान भरकर अमृतसर पहुंचा विमान

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी वायुसेना का यह विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से उड़ान भरकर पंजाब के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। विमान में पंजाब और उसके आसपास के राज्यों के 205 भारतीय नागरिक सवार थे, जिन्हें अवैध प्रवास के चलते अमेरिका से निकाला गया।

सूत्रों के मुताबिक, इन सभी डिपोर्ट किए गए लोगों की भारत में दस्तावेजों की जांच की जाएगी। हालांकि, अभी तक किसी को हिरासत में लेने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। सभी आवश्यक सत्यापन के बाद उन्हें हवाई अड्डे से जाने की अनुमति दी जाएगी।

अवैध प्रवासियों पर सख्त ट्रंप प्रशासन

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती तेज कर दी गई है। ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह अपनी सीमाओं को मजबूत कर रहा है, इमिग्रेशन कानूनों को कड़ा कर रहा है और अवैध प्रवासियों को निकालने की प्रक्रिया को तेज कर रहा है।

अमेरिका में भारतीय दूतावास के एक प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिका अवैध प्रवास को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है।

अवैध भारतीय प्रवासियों पर भारत का रुख

डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि वह अमेरिका के साथ मिलकर अवैध प्रवास से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए तैयार है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पिछले महीने कहा था कि भारत अवैध प्रवास के खिलाफ है क्योंकि इसका संबंध कई तरह के संगठित अपराधों से होता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उन सभी नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है जो अमेरिका में बिना दस्तावेजों के रह रहे हैं या जिन्होंने वहां का वीजा नियम तोड़ा है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम केवल उन्हीं लोगों को वापस लेंगे, जिनकी नागरिकता की पुष्टि अमेरिकी प्रशासन द्वारा हमें दिए गए दस्तावेजों के माध्यम से की जा सकेगी।

हालांकि, भारत ने यह भी कहा कि अभी यह बताना जल्दबाजी होगी कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वास्तविक संख्या कितनी है।

18,000 भारतीयों की हो चुकी है पहचान

डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 27 जनवरी को फोन पर हुई बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा था कि भारत अवैध प्रवासियों की वापसी पर सही फैसला करेगा।

अमेरिकी प्रशासन के अनुमान के अनुसार, अमेरिका में लगभग 18,000 भारतीय अवैध प्रवासी हैं, जिन्हें डिपोर्ट किए जाने की प्रक्रिया में रखा गया है। ऐसे में यह संभव है कि आने वाले समय में और भी भारतीयों को वापस भेजा जाए।

मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले बड़ा कदम

अमेरिका की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित वाशिंगटन यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों की वापसी से जुड़ा यह कदम भारत और अमेरिका के आपसी संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच किस तरह की बातचीत होती है।

इन राज्यों के लोग विमान में सवार

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का विमान दोपहर आज दोपहर अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे 104 भारतीयों में गुजरात के 33, पंजाब के 30, यूपी के 3, हरियाणा के 33, चंडीगढ़ के 2, महाराष्ट्र के 3 लोग शामिल हैं।

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