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किसानों की आय पर ट्वीट वार के बाद बयानों की जंग, नाथ बोले-आय नहीं हाय बढ़ी, जो करेगी बाय, सीएम का जवाब, नाथ क्या जानें किसानों की बात…?

भोपाल। एमपी में किसानों की आय को लेकर जारी ट्वीट वार बयानों की जंग में तबदील हो गया है। कृषकों की आय को लेकर सीएम शि्वराज सिंह चौहान ने सोमवार को रीवा में प्रधानमंत्री के सामने कहा था कि, एमपी में किसानों की आय दोगुनी हो गई है। प्रदेश का ये चुनावी साल है, लिहाजा कांग्रेस तत्काल एक्टिव हो गई। मुख्यमंत्री के बयान पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट कर किसानों की आय बढ़ने के बजाय घटने का दावा कर दिया। उन्होंने संसदीय समिति की रिपोर्ट का हवाला भी दिया। इस ट्वीट वार में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी कूदे और उन्होंने नाथ के खेती और किसानों की समस्याओं के ज्ञान पर ही तंज कस दिया। इस ट्वीट वार के अगले दिन से प्रदेश में बयानों का दौर शुरू हो गया है।

आय नहीं हाय बढ़ी, जो बाय करेगी

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार सुबह अपने बयान में राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों की “आय” नहीं, “हाय” बढी है और ये “हाय” सरकार को बाय करेगी। इसके साथ ही नाथ ने शिवराज सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते कहा कि प्रदेश में 24 लाख से ज्यादा किसानों को डिफाल्टर कर दिया गया है। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी बंद करने, खेती की बिजली महंगी करने, संमर्थन मूल्य पर बोनस बंद करने और किसानों को ओलावृष्टि का मुआवजा न देने के आरोप भी शिवराज सरकार पर लगा दिए।

जाकी रही भावना जैसी

कमलनाथ के बयान पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया। उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए किसानों का उत्पादन बढ़ने के आंकड़े गिनाए। मुख्यमत्री ने “जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी” चौपाई के जरिए नाथ पर जवाबी हमला बोला। चौहान ने कहा कि कमनलाथ तो हाय-हाय ही करेंगे। किसानों की आय बढ़ने के समर्थन में उन्होंने रीवा जिले का उदाहरण पेश किया। शिवराज के अनुसार केवल रीवा जिले में ही गेहूं का उत्पादन साढ़े 4 गुना, धान का उत्पादन साढ़े 5 गुना, सरसों का उत्पादन 35 गुना, और मूग का उत्पाद 7 गुना बढ़ा है और यह कमलनाथ जाकर खुद देख लें।

शिवराज ने पूर्व सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ किसानों की बात क्या जांनें, उनका खेती से क्या वास्ता? बुधवार को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस मामले में कूदे और कहा कि कमलनाथ और उनके युवराज नकुलनाथ को ये तक नहीं पता कि चने का पेड़ होता है या पौधा, ऐसे में वे किस मुंह से किसान हित की बात कर रहे हैं। मिश्रा ने फिर दावा किया कि कमलनाथ सरकार ने किसानों के कर्ज माफ नहीं किए थे।

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