भोपालमध्य प्रदेश

वन विहार में बाघिन ‘मचमची’ की मौत, दो दिन से छोड़ा खाना-पीना; बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाई गई थी भोपाल

भोपाल। राजधानी के वन विहार नेशनल पार्क में बुधवार को बाघिन ‘मचमची’ की मौत हो गई है। 11वर्षीय बाघिन ने दो दिन पहले खाना-पीना छोड़ दिया था। उसकी मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं हुई है। बीते शनिवार को यहां मादा तेंदुआ ‘पिंकी’ की भी हो गई थी।

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बाघिन को 2018 में लाया गया था

जानकारी के मुताबिक, 11 वर्षीय बाघिन ‘मचमची’ को 24 अक्टूबर, 2018 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उमरिया क्षेत्र से रेस्क्यू कर भोपाल के वन विहार लाया गया था। उस समय मचमची उम्र लगभग 7-8 वर्ष थी। वन विहार में इसे लायन हाउसिंग नंबर-1 में रखा गया था। बीते दो दिन से मचमची ने खाना-पीना छोड़ दिया था। हालांकि वन विहार के अधिकारी बताते हैं कि वह ऐसा सामान्य रूप से कई बार करती रही है। मंगलवार को वह रात तक अपने आवास में नॉर्मल ही थी, लेकिन बुधवार सुबह मचमची अपने हाउसिंग में बेहोश मिली। सुबह वन विहार के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता ने उसकी जांच तो वह मृत पाई गई।

पोस्टमार्टम कर किया अंतिम संस्कार

बाघिन ‘मचमची’ का पोस्टमार्टम वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के वन्यप्राणी डॉक्टर्स की टीम ने किया। मृत बाघिन ‘मचमची’ के पोस्टमार्टम के बाद उसके आंतरिक अंगों को जांच के लिए स्कूल आफ वाईल्ड लाईफ फॉरंसिक एंड हेल्थ जबलपुर एवं पशु रोग अन्वेषण जहांगीराबाद, भोपाल भेजा गया है। मृत बाघिन की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता लगेगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नियमों के तहत उसका पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बता दें कि वन विहार नेशनल पार्क में 7 और 8 मई की दरमियानी रात मादा तेंदुआ शावक पिंकी की भी मौत हो गई थी।

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