इंदौर - शराब पीकर वाहन चलाने वाले और गुंडे बदमाशों के खिलाफ चलने वाली चेकिंग पुलिस के लिए अब सिरदर्द बन गई है। रसूखदारों की दबंगई के आगे लाचार है। क़ल रात एमजी रोड पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेताओं ने आधे घंटे तक सड़क को बंद कर हंगामा किया। पुलिस ने चेकिंग के दौरान एबीवीपी के प्रांत सहमंत्री कौशल यादव और महानगर सहमंत्री प्रतीक यादव ने पुलिस पर जबरन वसूली के आरोप लगाते हुए टीआई विजय सिसोदिया से भिड़ गए।
पुलिस के मुंह पर कैमरे तान दिए, नारेबाजी की और अभद्रता पर उतर आए। कुछ लोगों ने बेरीकेट्स उठाकर सड़क पर फेंक दिए, वाहनों की आवाजाही रोक दी पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद” के नारे लगाए। पुलिस मौके पर खड़ी सब कुछ देखती रही, मगर रोकने की हिम्मत नहीं जुटाई। ड्यूटी पर तैनात जवानों को एबीवीपी नेताओं के रौब आगे झुकना पड़ा। कानून के रखवालों को बीच सड़क अपमानित होना पड़ा, जबकि दबंग खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते रहे। आरोप था पुलिस ने एबीवीपी नेता से गाली गलौज की। पुलिस इस आरोप को नकार रही है।
जानकारी के मुताबिक एमजी रोड थाना क्षेत्र के नगर निगम चौराहे पुलिस कल रात ड्रिंक एंड ड्राइव और संदिग्ध लोगों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एबीवीपी के प्रांत सहमंत्री कौशल यादव और महानगर सहमंत्री प्रतीक यादव कार से गुजर रहे थे। पुलिस ने रोककर दस्तावेज मांगे तो दोनों पदाधिकारियों ने रौब झाड़ते हुए वाहन छोड़ने की मांग की। इसी बात पुलिस और एबीवीपी के लोगों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी ने नियमों के अनुसार जांच करने की बात कही, जिस पर कौशल यादव भड़क गया। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि “500 रुपए लेकर बिना पर्ची के गाड़ियां छोड़ी जा रही हैं।” कौशल ने पुलिसकर्मियों से कहा, “हम चालान कटवाने को तैयार हैं, लेकिन जेब में पैसे रखकर वसूली करना बंद करो।” विवाद बढ़ने पर टीआई तुकोगंज जितेंद्र यादव ने कहा कि “यह अनर्गल आरोप हैं, सबूत हैं तो प्रस्तुत करें।” इस पर कौशल यादव ने चुनौती देते हुए कहा, “दो दिन में वीडियो बनाकर दूंगा, यह आपकी और मेरी शर्त लगी।” इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं को मौके पर बुलाया, पुलिसकर्मियों के मुंह पर मोबाइल लगाकर रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने टीआई विजय सिसोदिया पर गालियां देने के आरोप लगाए। इसके बाद टीआई से अभद्र व्यवहार किया।
वहीं, एबीवीपी महानगर सहमंत्री प्रतीक यादव ने कहा कि “पुलिस लगातार छात्रों और कार्यकर्ताओं के साथ बदतमीजी कर रही है। यह रवैया पुलिस को ही बैकफुट पर लाकर खड़ा कर रहा है। अगर कोई कार्यकर्ता गलती करेगा तो संगठन उसका समर्थन नहीं करेगा, लेकिन पुलिस को भी अनुशासन में रहकर बात करनी चाहिए।” हंगामे की सूचना पर एडीसीपी प्रमोद सोनकर और एसीपी विनोद दीक्षित मौके पर पहुंचे। उन्होंने एबीवीपी के पदाधिकारियों से शांतिपूर्वक चर्चा की और भरोसा दिलाया कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ जांच की जाएगी। इसके बाद मामला शांत हुआ और यातायात सामान्य हुआ।