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कांग्रेस नेता सिंघवी ने किया हाईकोर्ट का रुख, राज्यसभा चुनाव परिणाम को दी चुनौती; कहा- ऐसा कहीं नहीं होता, लॉटरी में जिसका नाम निकले, वो ही हार जाए

शिमला। हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव हारने के कुछ सप्ताह बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें चुनाव में बराबर वोट मिलने के बाद ‘ड्रॉ’ के जरिए विजेता घोषित करने के चुनाव अधिकारी के फैसले को चुनौती दी है।

हिमाचल प्रदेश राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को हुए चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था। कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव में हार गए थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन ने ‘ड्रॉ’ के माध्यम से घोषित नतीजे में जीत हासिल की थी, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे।

ऐसा कोई कानून-नियम नहीं, जिसमें लॉटरी जीतने वाला हार जाए

सिंघवी ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद मीडिया से कहा, ‘‘न तो अधिनियम में और न ही नियमावली में ऐसा कोई भी प्रावधान है जिससे यह स्पष्ट किया जा सके कि ‘ड्रॉ (पर्ची)’ में जिस व्यक्ति का नाम निकला है, उसे हारा हुआ मान लिया जाए।” राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक थे और उसे तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त था।

दोनों उम्मीदवारों को हालांकि 34-34 मत मिले थे, क्योंकि 9 विधायकों – कांग्रेस के 6 बागी और 3 निर्दलीय ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। विजेता की घोषणा लॉटरी सिस्टम के माध्यम से की गई थी और निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के तहत, जिस व्यक्ति का नाम लॉटरी में निकला उसे हारा हुआ घोषित कर दिया गया। सिंघवी ने कहा कि यह दुनियाभर में परंपरा और प्रथा है कि जब दो लोगों के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटता है, तो जिसका नाम ‘लॉटरी’ में निकलता है, तो वह विजेता होता है, न कि पराजित। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमारी दलीलें अंततः हाईकोर्ट द्वारा स्वीकार कर ली जाती हैं, तो घोषित परिणाम को अमान्य ठहराना पड़ेगा।” वहीं चुनाव संचालन नियमावली में लोकसभा और राज्यसभा दोनों चुनावों के लिए ‘ड्रॉ’ का प्रावधान है।

एक सीट पर हुआ था चुनाव

गौरतलब है कि 27 फरवरी को हिमाचल राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव हुआ था, जिसमें तीन निर्दलीयों समेत 6 कांग्रेस बागी विधायकों ने कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ वोट दिया था। 68 सदस्यों वाली हिमाचल विधानसभा में 34-34 पर मामला अटक गया था। टाई होने के बाद लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया, जिसमें हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया। अब लॉटरी सिस्टम की प्रक्रिया को सिंघवी द्वारा हिमाचल उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा रही है।

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