
बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2023 को लगातार पांचवीं बार केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। यह मोदी 2.0 का आखिरी पूर्ण बजट है, क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनावों की वजह से अंतरिम बजट पेश होगा। अंग्रेजी शब्द Budget लैटिन शब्द ‘बुल्गा’ से लिया गया है। इसका अर्थ है चमड़े का थैला। हालांकि, बाद में बजट शब्द का इस्तेमाल थैले से बलकर उसमें रखी जाने वाली वस्तु हो गया।
2021 में हुआ पेपरलेस
2021 में मोदी सरकार ने बजट में बदलाव किया और भारत के इतिहास में पहली बार निर्मला सीतारमण ने पेपरलेस बजट पढ़ा। यह मेक इन इंडिया टैबलेट पर पढ़ा गया था। तब से संसद में पेपरलेस बजट पढ़ा जा रहा है। इसके बाद बिहार कई विधानसभाओं में भी पेपरलेस बजट की शुरुआत हुई।
इंग्लैंड में हुई थी शुरुआत
भारत में बजट पहली बार 07 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था। हालांकि, बजट की शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी। 1760 की शुरुआत में राजकोष के चांसलर ने हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में संसद में राष्ट्रीय बजट पेश करना शुरू किया था। स्कॉटिश अर्थशास्त्री और ईस्ट इंडिया कंपनी के नेता ‘जेम्स विल्सन’ ने देश का पहला बजट ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था। आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्तमंत्री आरके शटमुखम शेट्टी ने संसद में पेश किया था।
भारत में सबसे लंबा बजट भाषण निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी 2020 पढ़ा था। यह 2 घंटे 42 मिनट लंबा था। हालांकि, उन्होंने 2021 में सबसे छोटा बजट भाषण पढ़ा था। यह 1 घंटे 50 मिनट का था।
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