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VIDEO : तो हो जाता करोड़ों का साइबर फ्रॉड..! एकाउंट हैक कर निकालने वाले थे 42 करोड़ रूपए, समय रहते आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा

इंदौर। वैसे तो पुलिस अपराधियों को अपराध करने से पहले ही पकड़ने का पूरा प्रयास करती है। कुछ ऐसा ही मामला इंदौर के भंवरकुआं थाना क्षेत्र से सामने आया है। जहां पर एक होटल संचालक ने पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोग होटल में बिना आईडी दिए रुकने की जिद कर रहे हैं। पुलिस के कुछ अधिकारी पहुंचे तो उनके पास जो लैपटॉप था, वह काफी गर्म था। जिस पर अंदेशा होने पर उन्हें थाने में पूछताछ के लिए बुलाया। जब पूछताछ की गई तो पुलिस के होश ही उड़ गए। सभी आरोपी इंटरनेट के माध्यम से अकाउंट को हैक कर 42 करोड़ रुपए निकालने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही वह पुलिस गिरफ्त में पहुंच गए।

जानें पूरा मामला

एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा के अनुसार, भंवरकुआं थाना क्षेत्र की एक होटल में कुछ बदमाशों द्वारा बिना आईडी दिए होटल में कमरा किराए से लिए जाने की जिद की जा रही थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपियों के पास से एक लैपटॉप मिला जो कि काफी गर्म था। संदेह होने पर जब लैपटॉप जब्त कर सभी आरोपियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह एचडीएफसी के एक बैंक खाता जो कि बेंगलुरु की एक कंपनी का है, उससे 42 करोड़ निकालने वाले थे।

पुलिस ने पांचों आरोपियों को थाने लाकर मामले में पूछताछ शुरू की। जिसमें आयुष नामक एक आरोपी पुलिस गिरफ्त में आया, जिसने बताया कि वह कुछ ही समय पहले यूएस का एक ऐसा कॉल सेंटर जो कि पूरी तरह से फर्जी कॉल लगाकर यूएस के लोगों के साथ ठगी करता था, उसमें काम करता था। वहीं, कुछ समय पहले आयुष के साथ रवि जायसवाल, हर्ष शर्मा, चंदन और त्रिलोक सभी आरोपियों की विजय नगर के कैफ से मुलाकात हुई।

आरोपियों से पूछताछ में हुए कई खुलासे

आरोपियों ने बताया कि कुछ दिनों बाद पांचों ही व्यक्तियों को दिल्ली एनसीआर UT नामक एक ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें 70 अन्य मेंबर मौजूद थे। इस ग्रुप में यह जानकारी आती थी कि यदि आप साइबर एक्सपर्ट हैं तो आपको ऐसे बैंक खातों की जानकारी दी जाएगी, जिसमें करोड़ों रुपए हैं।साइबर एक्सपर्ट इन खातों से उस रुपयों को आसानी से निकाल सकते हैं। यह जानकारी देखकर इस गिरोह का एक सदस्य आयुष मलंग ने अपने साथियों को एकत्र कर इस खाते से रुपए निकालने की प्लानिंग बनाई। लेकिन, प्लानिंग के लिए लैपटॉप सहित एक फास्ट इंटरनेट भी चाहिए था। लैपटॉप तो सभी आरोपियों ने ले लिया, लेकिन इंटरनेट के माध्यम से वह ठगी करते उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने अन्य जानकारी भी पुलिस को दी।

आरोपियों ने बताया कि जिस दिल्ली NCR UT ग्रुप पर वह जुड़े थे, उसमें समय-समय पर बैंक खातों की जानकारी के साथ उसके आईएफएससी कोड और कुछ खाते में कितना रुपया अवेलेबल है, सभी जानकारी आती। खातों से रुपए निकालने के बाद वह जिस एकाउंट में जाएगा, वह भी जानकारी उसे इसी ग्रुप के माध्यम से मिलती थी। हैकर इन खातों से रुपए निकालने के बाद इंटरनेशनल गेटवे के माध्यम से दिए खाते में यह रुपया डालना होता था। जिस पर 40% कमीशन आरोपियों को मिलना तय था, लेकिन उससे पहले ही यह पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

2 खातों की मिली थी जानकारी

आरोपियों के पास से जो मोबाइल और लैपटॉप पुलिस को बरामद हुए हैं। उसमें दो अलग-अलग बैंक खाते की जानकारी आरोपियों ने बताइ है। आईसीआईसीआई बैंक जो कि मुंबई ब्रांच का होना बताया गया है। जिसमें 2.80 लाख रुपए थे। वहीं बेंगलुरु का एक खाता जो कि एचडीएफसी बैंक में किसी फार्म का था, उसमें 42 करोड़ रुपए होना आरोपियों ने बताया है, आरोपियों द्वारा एचडीएफसी बैंक के खाते से 7 करोड़ निकालने की प्लानिंग की गई।

आरोपी बार-बार लैपटॉप की सहायता से एचडीएफसी बैंक के खाते से रुपए निकालने की कोशिश कर रहे थे, जिस कारण से लैपटॉप काफी गर्म हो गया था। वहीं, पुलिस को होटल से मिली जानकारी के बाद पांचों आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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