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Pakistani Grooming Gang : क्या है ‘पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग’, जिस पर एलन मस्क के ट्वीट से UK की राजनीति में मची हलचल, टेस्ला फाउंडर ने की स्टार्मर के इस्तीफे की मांग

Pakistani Grooming Gang : ब्रिटेन की राजनीति में अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क के एक ट्वीट ने नई हलचल मचा दी है। यह विवाद लगभग एक दशक पहले सामने आए ग्रूमिंग गैंग से जुड़े मामले को लेकर है। मस्क ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर निशाना साधते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग, एक ऐसा गैंग है जिसमें पाकिस्तानी पुरूष शामिल होते थे, जो ब्रिटिश मूल की नाबालिग लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनके साथ दुष्कर्म करते थे। मस्क का आरोप है कि जब यह मामला सामने आया था तब स्टार्मर देश के मुख्य अभियोजक थे।

न्याय दिलाने में नाकाम रहे स्टार्मर- एलन मस्क

एलन मस्क ने आरोप लगाया कि जब यह मामला पहली बार सामने आया था, तब कीर स्टार्मर देश के मुख्य अभियोजक थे। मस्क का कहना है कि स्टार्मर आरोपियों को सजा दिलाने में नाकाम रहे। उन्होंने स्टार्मर की सरकार को ग्रूमिंग गिरोहों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच का समर्थन न करने पर भी आड़े हाथ लिया। स्टार्मर ने अपना बचाव करते हुए कहा कि क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) का नेतृत्व करते हुए उन्होंने बाल यौन शोषण के मामलों में रिकॉर्ड संख्या में मुकदमे दर्ज कराए। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि इन मामलों में न्याय में देरी न हो, इसके लिए वह प्रतिबद्ध रहे।

क्या है ग्रूमिंग गैंग मामला?

साल 2014 में ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट ने रोथरहैम शहर में 1997 से 2013 के बीच 1,400 से ज्यादा लड़कियों के यौन शोषण का खुलासा किया। इन लड़कियों की उम्र 11 से 16 साल के बीच थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इन अपराधों के पीछे मुख्य रूप से पाकिस्तानी मूल के पुरुषों का हाथ था। हालांकि, सांप्रदायिक तनाव और नस्लवाद के आरोपों से बचने के लिए अधिकारियों ने खुलकर इस मुद्दे पर बात करने से परहेज किया। यह गिरोह कमजोर बैकग्राउंड वाली लड़कियों को निशाना बनाता था, उन्हें महंगे गिफ्ट और ड्रग्स का लालच देकर अपने जाल में फंसाता था।

कैसे काम करते हैं ग्रूमिंग गैंग्स?

ग्रूमिंग गैंग का कामकाज योजनाबद्ध तरीके से होता था। गिरोह के सदस्य, खासकर युवा लड़के गरीब या कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि की लड़कियों को दोस्ती के जाल में फंसाते। इसके बाद वो उन्हें महंगे गिफ्ट, मोबाइल फोन और क्लब ले जाकर उनका भरोसा जीतते थे। कई बार उन्हें ड्रग्स का आदी बना दिया जाता और फिर उनका यौन शोषण शुरू होता था। मुंह खोलने पर लड़कियों को जान से मारने की धमकी दी जाती थी। सोशल मीडिया के आने के बाद इन गिरोहों को और भी ज्यादा ताकतवर हुए, जिससे उनकी पहुंच कमजोर लड़कियों तक और आसान हो गई।

स्टार्मर ने इस्तेमाल किया ‘एशियाई’ शब्द

हाल ही में कीर स्टार्मर ने इस मामले पर बात करते हुए ‘एशियन ग्रूमिंग गैंग्स’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। भारतीय और अन्य दक्षिण एशियाई समुदायों ने इस पर नाराजगी जाहिर की। उनका कहना है कि इस शब्द का इस्तेमाल पूरे समुदाय को अपराध से जोड़ने का प्रयास है, जबकि अपराधियों का संबंध विशेष रूप से पाकिस्तानी मूल से था।

प्रियंका चतुर्वेदी ने दिया बयान

शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने X पर लिखा, “यह ‘एशियन’ नहीं बल्कि ‘पाकिस्तानी’ ग्रूमिंग गैंग्स का मामला है।” एलन मस्क ने उनके इस बयान का समर्थन करते हुए “ट्रू” लिखकर सहमति जताई।

ब्रिटिश संसद में कंजर्वेटिव पार्टी का विरोध

कंजर्वेटिव पार्टी ने ग्रूमिंग गिरोहों की राष्ट्रीय जांच की मांग की थी, लेकिन स्टार्मर सरकार ने इसे खारिज कर दिया। कंजर्वेटिव नेता केमी बेडेनॉच ने कहा कि जांच से इनकार करना “कवर-अप” की आशंका को बढ़ा सकता है। स्टार्मर का कहना था कि पीड़ितों को न्याय देने के लिए अभी कार्रवाई का यही सही समय है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जांच से मामलों में देरी हो सकती है।

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