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मंदिर के पट रात 10 बजे बंद करने का विरोध, धर्म स्थलों को आचार संहिता से मुक्त रखने की मांग; दशहरे पर होने वाली शस्त्र पूजा पर भी असमंजस

इंदौर। रविवार को देशभर में नवरात्र की शुरुआत हो गई है, लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के एक निर्देश पर आपत्ति जताई जा रही है। इंदौर में आयोग के निर्देश का हवाला देते हुए रात 10 बजे से मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद कराए जा रहे हैं। इंदौर के बिजासन माता मंदिर पर जिला प्रशासन ने सुबह 4:30 बजे से रात 10 बजे तक मंदिर में श्रद्धालु और भक्तों को दर्शन के लिए बोर्ड लगा दिए हैं।

कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि श्रद्धा और चुनाव अलग-अलग विषय हैं और चुनाव का हवाला देकर भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ न किया जाए। कांग्रेस ने मंदिर के पट रात 10 बजे बंद करने के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील चुनाव आयोग से की है। पार्टी नेता और जिला प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल और गिरीश जोशी समेत कई कांग्रेसी आज बिजासन मंदिर परिसर पहुंचे और आयोग से धर्मस्थलों को आचार संहिता के इस तरह के प्रतिबंधों से मुक्त करने की मांग उठाई।

दशहरे पर शस्त्र पूजा पर भी सवाल

दूसरी ओर दशहरे पर शस्त्र पूजा को लेकर भी चुनावी दौर में असमंजस के बादल छाए हुए हैं। चुनाव के कारण आयोग ने सभी लाइसेंसी हथियरों को 18 तारीख से पहले जिला प्रशासन और पुलिस थानों में जमा कराने के आदेश दिए हैं। ऐसे में दशहरे पर इन शस्त्रों की पूजा संभव नहीं होगी। ऐसे में 17 नवंबर को होने वाले मतदान से एक महीने पहले ही शस्त्र जमा कराने का कई लोग विरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि दशहरा 24 अक्टूबर को है। ऐसे में लोगों की यह मांग है कि हथियार जमा कराने की अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर दशहरे के बाद कर दिया जाए।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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