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पीलीभीत के गुरुद्वारे से जुड़े अमृतपाल के तार : पंजाब पुलिस को गुरुद्वारा परिसर में लगे CCTV से गायब रिकॉर्डिंग मिलीं

पीलीभीत। वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल 17 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस दौरान उसके कई वीडियोज और फोटोज भी वायरल हुए। इसी बीच अमृतपाल सिंह मामले में जांच कर रही एसटीएफ की टीम उत्तर प्रदेश में पीलीभीत के मोहनापुर गुरुद्वारा पहुंची। जहां से गुरुद्वारे की 25 मार्च की शाम तक की सीसीटीवी फुटेज गायब मिली।

गुरुद्वारे में लगे कैमरों में से 4 बंद मिले

‘भगौड़ा’ घोषित किए गए अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पपलप्रीत सिंह से जुड़े मामले की जांच कर रही पुलिस टीम मामले की जांच करने रविवार को पीलीभीत पहुंची। मोहनापुर गुरुद्वारे में जांच के दौरान परिसर के 16 कैमरों में चार बंद मिले। रिकॉर्डिंग से छेड़छाड़ हुई है। एसटीएफ गुरुद्वारे से कैमरों की डीबीआर ले गई।

गुरवंत सिंह हो चुका गिरफ्तार

मोहनापुर गुरुद्वारा में एक कारसेवक (स्वयंसेवक) जोगा सिंह यह गाड़ी लेकर सप्ताह भर पहले पंजाब गया था। उसके साथ ड्राइवर पंजाब के सानेवाल निवासी गुरवंत सिंह भी था। 28 मार्च को पंजाब में फगवाड़ा के पास पाए गए एक लावारिस वाहन की बरामदगी के बाद 30 मार्च को लुधियाना में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

कौन है अमृतपाल सिंह

30 वर्षीय अमृतपाल सिंह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संचालित करता है। एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने ये संगठन बनाया था। 15 फरवरी 2022 को उसकी सड़क हादसे में मौत होने के बाद इस संगठन की कमान कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली और वो इसका प्रमुख बन गया। जिसके बाद ‘वारिस पंजाब दे’ वेबसाइट बनाई गई और लोगों को संगठन से जोड़ना शुरू किया गया। खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने वाला अमृतपाल 2012 में दुबई चला गया था। वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया।

नशा मुक्ति केंद्रों को अवैध हथियारों का स्टोर बनाया

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि अमृतपाल ने पंजाब आते ही ऐसे पूर्व सैनिकों को तलाशना शुरू कर दिया था, जिनके पास हथियारों का लाइसेंस है। वह नशा मुक्ति केंद्रों में अवैध हथियारों का जखीरा रखता था। जो भी युवक इन केंद्रों में इलाज के लिए आते थे, पहले उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। युवकों को अमृतपाल के अनुसार चलने के लिए कहा जाता था। अगर उन्होंने बात नहीं मानी तो और भी प्रताड़ित किया जाता था।

अवैध हथियार रखने के आरोप में FIR दर्ज

अमृतसर (देहात) के एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि, अमृतपाल सिंह और उसके कुछ साथियों के खिलाफ अवैध हथियार रखने के मामले में शस्त्र अधिनियम के तहत एक नई एफआईआर दर्ज की है। इसमें अमृतपाल मुख्य आरोपी है। इस ताजा प्राथमिकी में वह 7 भी आरोपी हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है।

घर से मिलीं AKF लिखी जैकेट्स।

अमृतपाल आनंदपुर खालसा फौज का लोगो भी मिला

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) नाम से अपनी एक फौज तैयार करने की तैयारी में था। अमृतपाल के साथी जो भी हथियार या शॉल का इस्तेमाल करते थे, उन पर AKF लिखा होता था। अमृतपाल आनंदपुर खालसा फौज का लोगो भी सामने आया है। उसके पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई से लिंक भी सामने आ रहे हैं।

 

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