
ग्वालियर। मेडिकल चिकित्सा संबंधी कोई डिग्री न होने के बाद भी सरेआम मरीजों का उपचार करने वाले झोला छाप डॉक्टर वायरल व इनफ्लुएंजा वायरस के दौर में जमकर चांदी काट रहे हैं। इस प्रकार के बिना डिग्री धारी झोलाछाप डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही और यह झोलाछाप डॉक्टर उपचार के नाम पर सरेआम मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। यही नहीं जब केस अधिक बिगड़ जाता है यह लोग मरीज को सरकारी अस्पताल में दिखाने के लिए भेज देते हैं।
ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां पर इन डॉक्टरों ने अपनी दुकान नहीं खोलकर रखी हो, फिर चाहे वह चंद्रवदनी नाका, गुढ़ीगुढ़ा का नाका, हजीरा, मुरार एवं ग्वालियर हो सभी जगह इनकी क्लीनिक चल रही हैं, लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को यह क्लीनिक नजर नहीं आ रही हैं। यही नहीं विभाग के ही कुछ लोगों की इनसे सांठगांठ है, इसी की वजह से इन क्षेत्रों में कोई टीम नहीं भेजी जाती है। यह किसी प्रकार की डॉक्टरी की पढ़ाई न करने के कारण यह लोग अपने अंदाज से मरीज का उपचार करते रहते हैं।
दिखावे के लिए बनती है कमेटी
मरीजों को लूटने का यह काम सरेआम चल रहा है इसके लिए जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है उनका यही कहना होता है इन पर जल्द ही कमेटी बनाकर ठोस कार्रवाई की जाएगी। कमेटी तो बनती है, लेकिन इस प्रकार के डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं होती है, जिसकी वजह से इनके हौसले अब काफी बुलंद हो चुके हैं।
जांच सेंटरों से है सेटिंग
मरीज डिग्री धारी डॉक्टर की फीस बचाने के चक्कर में इनके क्लीनिक पर पहुंच जाते हैं और यह डॉक्टर पुड़िया की दवाई (खुली गोली) के माध्यम के साथ ही जांचों में अपना बजट पूरा कर लेते हैं। यहां पर पहुंचने वाले 90 फीसदी मरीजों की जांच कराई जाती है, यही नहीं इनकी सेटिंग पैथोलॉजी सेंटर वालों से रहती है, उनके लड़के इनकी क्लीनिक पर ही मौजूद रहते हैं और बिना जरूरत के जांच कराने का खेल रहा है। पैथोलॉजी सेंटर इनको 65 से 70 फीसदी तक डिस्काउंट प्रदान कर रहे हैं।
बिना डिग्री के जो भी लोग क्लीनिक चला रहे हैं उन पर अब कार्रवाई कराई जाएगी। विभाग से भी जो लोग इनका साथ देते हैं उनको भी नहीं छोड़ा जाएगा। -डॉ. मनीष शर्मा,सीएमएचओ