
नई दिल्ली। हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर आज एक बार फिर संग्राम छिड़ गया है। किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करने जा रहा है। इस बीच हरियाणा सरकार ने अंबाला के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश दिए हैं। शंभू बॉर्डर से 101 किसान दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन घग्गर नदी पर बने पुल पर उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोक दिया। आधे घंटे तक पुलिस और किसानों में बहस हुई।
किसानों ने जाली उखाड़ने की कोशिश की। पुलिस किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। इसके साथ वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
हरियाणा की सीमा पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम
किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। वे केंद्र पर अपने मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का भी दबाव बना रहे हैं। हरियाणा की सीमा पर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है। इससे पहले हरियाणा सरकार ने 6 से 9 दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाएं निलंबित कर दी थीं।
अंबाला के 12 गांवों में इंटरनेट बंद
अंबाला के डंगदेहरी, लेहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, छोटी घेल, लहारसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में मोबाइल इंटरनेट को निलंबित करने का आदेश शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किया गया है। यह निलंबन 14 दिसंबर को सुबह 6 बजे से 17 दिसंबर को रात 11.59 बजे तक लागू रहेगा।
क्या चाहते हैं किसान
हरियाणा और पंजाब पुलिस ने मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है। किसान MSP, कर्ज माफी और पेंशन जैसी 13 मांगों को लेकर 13 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने उनके मार्च को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इस प्रदर्शन को देखते हुए, हरियाणा के गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के पास अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया था।
ये हैं किसानों की 13 मांगें
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को दोबारा लागू किया जाए।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले।
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए।
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।
- डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए।
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए।