ताजा खबरराष्ट्रीय

Pashmina March : सोनम वांगचुक के ‘पश्मीना मार्च’ से क्यों डरा प्रशासन? लेह में लगाई धारा 144, 10KM के एरिया में इंटरनेट बैन; जानें पूरा मामला

लेह। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर 21 दिन लंबी भूख हड़ताल कर चुके क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी वे अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। अपनी मांगो को नया रुख देने के लिए उन्होंने 7 अप्रैल को पश्मीना मार्च निकालने का ऐलान किया है।

शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगाई धारा 144

क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने लेह में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी की LAC से लगे इलाकों में पश्मीना मार्च निकालने का ऐलान किया। 7 अप्रैल को निकाले जाने वाले पश्मीना मार्च में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके चलते लद्दाख प्रशासन ने लेह में धारा 144 लागू कर दी है। इससे पहले लेह के जिला मजिस्ट्रेट संतोष सुखदेव की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि, जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह धारा लगाई गई है।

2G तक की इंटरनेट सेवा का कर पाएंगे उपयोग

आदेश के अनुसार, इंटरनेट सर्विस को 2G तक कम कर दिया जाएगा। यह आदेश लेह शहर और उसके आसपास के 10 किमी के दायरे में शनिवार यानी की 6 अप्रैल की शाम 6 बजे से रविवार यानी की 7 अप्रैल की शाम 6 बजे तक लागू रहेगा।

इन आदेशों का करना होगा पालन

पश्मीना मार्च को लेकर लेह की डीएम ने चेतावनी दी है कि, अगर किसी ने आदेश का उल्लंघन करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ जिला मजिस्ट्रेट की लिखित अनुमति के बिना कोई जुलूस/रैली/मार्च नहीं निकाला जाएगा। लाउडस्पीकरों का उपयोग नहीं किया जाएगा। सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी सार्वजनिक सभा की इजाजत नहीं है।

प्रशासन के आदेश पर भड़के सोनम वांगचुक

जिले में धारा 144 लगाने के आदेश पर सोनम वांगचुक ने प्रशासन पर निशाना साधा और उनके आदेशों की कड़ी निंदा की है। वांगचुक ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, शायद प्रशासन को किसी भी कीमत पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। 31 दिनों से अनशन चल रहा है और कोई घटना नहीं हुई। फिर भी लोगों को पुलिस स्टेशनों में ले जाया जा रहा है और शांति भंग होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है, मुझे डर है कि इससे वास्तव में शांति भंग हो सकती है।

वांगचुक को मिल रहा लोगों को समर्थन

सोनम वांगचुक ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर 26 मार्च से 21 दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की थी। उनकी मांग है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के साथ ही उसे संविधान की छठी अनुसूची में भी शामिल किया जाए। उनकी 21 दिनों की भूख हड़ताल 27 मार्च को समाप्त हुई थी। इसके बाद सोनम वांगचुक ने महिलाओं के एक समूह के साथ 10 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की। उनकी इस हड़ताल को लेह और कारगिल में लोगों का बड़ा समर्थन मिला था।

अब 7 अप्रैल दूसरे दौर का आगाज

इस आंदोलन के पहले चरण की सफलता को देखते हुए सोनम वांगचुक ने कहा कि वे 7 अप्रैल को दूसरे आंदोलन की शुरुआत करेंगे। जिसमें गांधी जी के दांडी मार्च की तरह चांगथांग तक एक मार्च निकाला जाएगा।

उनका आरोप है कि इस चारागाह भूमि पर बड़े भारतीय उद्योगपतियों और चीनियों की ओर से कब्जा किया जा रहा है। लेह से लगभग 300 किमी दूर स्थित चांगथांग, 4,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

ये भी पढ़ें – अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की हरकत पर भारत की दो टूक, विदेश मंत्री जयशंकर ने जमकर लताड़ा; कहा- नाम देने से सच्चाई नहीं बदलने वाली, मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो…

संबंधित खबरें...

Back to top button