
रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की MP/MLA ने डूंगरपुर बस्ती को जबरन खाली कराकर उसे ध्वस्त करवाने के 8 साल पुराने केस में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान को 10 साल की कैद और 14 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। बस्ती खाली कराने के मामले में 2019 में रामपुर के गंज थाने में 12 लोगों ने 12 केस दर्ज कराए थे। इस मामले में आजम खान तथा एक अन्य अभियुक्त ठेकेदार बरकत अली को बुधवार को दोषी करार दिया गया था। उन्हें गुरुवार सजा सुनाई गई।
घर में घुसकर की लूटपाट और मारपीट
दरअसल, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी शिव प्रकाश पांडेय ने बताया कि डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार ने 6 दिसंबर 2016 को गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आजम खां, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था। यह भी इल्जाम था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था। पांडेय ने बताया कि इस मामले में विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट के जज डॉ. विजय कुमार ने आजम खान तथा एक अन्य अभियुक्त ठेकेदार बरकत अली को बुधवार को दोषी करार दिया था।
आजम खान को 10 और ठेकेदार को 7 साल की सजा
कोर्ट ने गुरुवार आजम खान को 10 साल की कैद और 14 लाख रुपए जुर्माने की सजा और ठेकेदार बरकत अली को 7 साल की कैद और 6 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि इस मामले में पूर्व पुलिस अफसर आले हसन भी अभियुक्त था, लेकिन उसके खिलाफ सुनवाई पर हाईकोर्ट के स्थगन आदेश की वजह से उसकी पत्रावली अलग कर दी गई थी।
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