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सिंधी नाटकों ने दिया सामाजिकता का संदेश, दर्शकों ने खूब सराहा

सुंदर अगनानी की स्मृति में राष्ट्रीय सिंधी नाट्य समारोह का रवींद्र भवन में शुभारंभ

वरिष्ठ लेखक स्व. सुंदर अगनानी की स्मृति में रवींद्र भवन में शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ। समारोह के पहले दिन सामाजिकता का संदेश देते तीन नाटकों की प्रस्तुति हुई। पहला नाटक सिंधी समाज से संबंधित समस्याओं पर आधारित ‘डिठो अणडिठो’ हुआ, जिसका लेखन व निर्देशन नीरू आसराणी, मुंबई ने किया। दूसरी प्रस्तुति जयपुर के कलाकारों की रही। स्व. सुंदर अगनानी द्वारा लिखित एवं नंदिनी पंजवानी द्वारा निर्देशित नाटक ‘ईश्वर मरी वयो’ में सामाजिक सौहार्द्र को दिखाने का प्रयास किया। अंतिम प्रस्तुति स्व. अगनानी द्वारा लिखित और अशोक बुलानी द्वारा निर्देशित नाटक ‘इश्तिहारी शादी’ की हुई। इसमें कलाकारों ने हास्य रस के साथ नाटक की प्रस्तुति दी

‘ईश्वर मरी वयो’ में दिखा सामाजिक सौहार्द्र

नाटक ‘ईश्वर मरी वयो’ एक ऐसे पेशेंट की कहानी है, जिन्हें हर छह महीने में अपना ब्लड चेंज करवाना पड़ता है। इस वजह से वे अपनी जिंदगी से हारने लगते हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स उन्हें आशावादी बनाए रखते हैं। एक बार जब उन्हें ब्लड चढ़ाया गया तो बाद में पता चला कि वह किसी मुस्लिम व्यक्ति का ब्लड था। यह जानकारी मिलने पर वह पेशेंट कहीं न कहीं पछताता है और सोचता है कि किसी मुस्लिम का ब्लड उनके शरीर में क्यों चढ़वाया। परंतु छह महीने बाद जब डॉक्टर्स बताते हैं, कि यह ब्लड आपको सूट कर गया है और इसे कभी नहीं बदलना पड़ेगा, तब उन्हें काफी खुशी होती है और वह उस व्यक्ति को धन्यवाद देने उसके घर जाते हैं, लेकिन तब तक वह मर चुका होता है। वह कहते हैं कि यही व्यक्ति मेरा ईश्वर था जो अब मर गया है।

समस्याओं को किया उजागर

राष्ट्रीय सिंधी नाट्य समारोह में पहली बार न्यू सिंधु आर्ट अकादमी, मुंबई के कलाकारों ने नाटक ‘डिठो अणडिठो’ की प्रस्तुति दी। इस प्रीमियर शो में कलाकारों ने सिंधी समाज से संबंधित समस्याओं को अलग तरह से दिखाने का प्रयास किया। -नीरू आसराणी, निदेशक

बढ़-चढ़ कर बताना पड़ा महंगा

नाटक ‘इश्तिहारी शादी’ में दिखाया कि इन दिनों अखबार में जो इश्तिहार दिए जाते हैं, उसमें लोग बहुत बढ़ा चढ़ा कर लिखते हैं। बढ़-चढ़ कर बताने वालों को बाद में मुसीबत का सामना करना पड़ता। यह दर्शाया गया है। -अशोक बुलानी, निदेशक

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