
काबुल। अफगानिस्तान में बुधवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 थी। यह हेरात प्रांत की राजधानी से लगभग 28 किलोमीटर दूर था। भूकंप बुधवार सुबह 6:11:56 बजे आया, इसका केंद्र जमीन के अंदर 10 किलोमीटर गहराई में था। फिलहाल इसमें किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। बता दें कि, हेरात में ही 7 अक्टूबर को भूकंप आ चुका है। उस वक्त भी भूकंप की तीव्रता 6.3 थी, जिसमें 4 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई और सैंकड़ों घर तबाह हो गए।
भूकंप में चार हजार लोगों की मौत
बीते शनिवार (7 अक्टूबर) को अफगानिस्तान में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई। जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी इलाके में आए इस भूकंप में चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 हजार से अधिक लोग घायल भी हुए। इसके अलावा सैकड़ों घर तबाह होकर मलबे में तब्दील हो गए। अफगानिस्तान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ANDMA) के प्रवक्ता मुल्ला सैक के मुताबिक, 7 अक्टूबर को आए भूकंप में 20 गांवों के दो हजार घर पूरी तरह ढह गए।

दो दशकों का सबसे भीषण भूकंप
अफगानिस्तान के समय के मुताबिक, भूकंप 7 अक्टूबर सुबह करीब 11 बजे आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हेरात शहर से करीब 40 किमी की दूरी पर था। एक के बाद एक आए भूकंप के पांच झटकों से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई गांव मलबे में तब्दील हो गए। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, अफगानिस्तान में आए आफ्टर शॉक्स की तीव्रता 4.6 से 6.3 के बीच रही। तालिबान के मुताबिक, वहां पर आया हुआ ये भूकंप दो दशकों का सबसे भीषण भूकंप था।

2022 के भूकंप में मारे गए थे 1 हजार लोग
बता दें कि, हेरात को अफगानिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी कहा जता है। यहां लगभग 19 लाख लोग रहते हैं। हेरात प्रांत की सीमा ईरान से लगती है। इससे पहले अफगानिस्तान में 14 सितंबर को 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। वहीं उससे पहले मार्च में आए भूकंप में करीब 13 लोगों की मौत हो गई थी और 300 लोग घायल हुए थे।
अफगानिस्तान में आखिरी बड़ा भूकंप जून 2022 में आया था। भूकंप की तीव्रता 5.9 से 6.3 के बीच रही थी। यह भूकंप अफगानिस्तान में दो दशकों में सबसे घातक था। पक्तिका प्रान्त में आए भूकंप में करीब एक हजार लोगों की मौत हुई थी और 1500 लोग घायल हुए थे।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।