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अनोखा इलेक्शन: सिलेक्शन अभी, कुर्सी दो साल बाद, प्रेसिडेंट के साथ ही चुन लेते हैं भविष्य का अध्यक्ष

भोपाल : आज आपको एक ऐसे संगठन के बारे में बता रहे हैं, जहां अध्यक्ष पद पर चुने जाने के दो साल बाद कुर्सी मिलती है। ये मामला इसलिए अनोखा है, क्योंकि आम तौर पर चुनाव जीतने के तत्काल बाद ही चुने गए प्रेसिडेंट को अधिकार और शक्तियां मिल जाती हैं। एमपी नर्सिंग होम्स एसोसिएशऩ की भोपाल ब्रांच में असल में ऐसा नहीं होता है। यहां चुनाव के दो साल बाद जाकर अध्यक्ष को उसका ओहदा और अधिकार मिल पाता है। रविवार को भी इस एसोसिएशन के चुनाव संपन्न हो गए, लेकिन इलेक्टेड प्रेसिडेंट दो साल बाद 2025 में अपना दायित्व संभालेंगे।

यह है इसकी असल वजह

नर्सिंग होम्स एसोसिएशन, भोपाल की एक प्रभावशाली संस्था मानी जाती है, क्योंकि प्रायवेट नर्सिंग होम्स संचालित करने वाले अधिकांश डॉक्टर्स इसके सदस्य हैं। संस्था के हर दो साल में चुनाव कराए जाते हैं, लेकिन चुने गए अध्यक्ष अपने काम को गहराई से समझने के साथ-साथ बाकी जवाबदेही को समझ सकें, इसलिए एसोसिएशन ने नया रास्ता निकाला है। अब संस्था वर्तमान कार्यकारिणी के साथ-साथ अगले कार्यकाल के लिए अध्यक्ष को भी चुन लेती है। इस पद को प्रेसिडेंट इलेक्ट कहा जाता है। संस्था की इसके पीछे यही सोच है कि दो साल पहले से ही एसोसिएशन के अगले अध्यक्ष को ये पता होता है कि उन्हें अगले कार्यकाल में जिम्मेदारी संभालनी है।  ऐसे में वे दो साल तक वर्तमान अध्यक्ष और पदाधिकारियो के साथ रहकर ट्रेनिंग ले लेते हैं। एक खास बात यह भी है कि नर्सिंग होम्स एसोसिएशन में सभी चुनाव अब तक सर्वसम्मति से ही होते आए हैं।

2023 में हो गया 2025-27 के प्रेसिडेंट का चुनाव

नर्सिंग होम्स एसोसिएशन भोपाल के चुनाव विगत 14 तारीख को संपन्न हुए। इस साल डॉ रणधीर सिंह को प्रेसिडेंट और डॉ संजय गुप्ता को सचिव चुना गया। इसके साथ ही डॉ राकेश ओम मिश्रा को उपाध्यक्ष, डॉ कृष्णा कटेवा को सह सचिव और डॉ मनीष जैन को कोषाध्यक्ष चुना गया। एसोसिएशन ने डॉ संजय गुप्ता को अगले टर्म के लिए प्रेसिडेंट इलेक्ट चुना है। इसका मतलब है कि डॉ गुप्ता 2025 से 2027 तक एसोसिएशन के अध्यक्ष रहेंगे। इन दो सालों तक वे वर्तमान प्रेसिडेंट डॉ रणधीर सिंह के साथ रहकर संगठन की हर एक गतिविधी की ट्रेनिंग लेंगे। डॉ रणधीर के अनुसार ये व्यवस्था इसीलिए बनाई गई कि एसोसिएशन में भविष्य के नजरिए से नई लीडरशिप तैयार हो सके और जब प्रेसिडेंट इलेक्ट बतौर प्रेसिडेंट अपना काम संभाले, तब तक उसे एसोसिएशन की हर एक एक्टिविटी की पूरी जानकारी हो।

(इनपुट – प्रवीण श्रीवास्तव)

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