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कांग्रेसी दिग्गज आखिरी चुनाव के नाम पर खेल रहे इमोशनल कार्ड

दांव पर दिग्विजय, कांतिलाल भूरिया और कमलनाथ की साख

राजीव सोनी । भोपाल लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार जहां मिशन-29 फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं कांग्रेस के दिग्गजों ने मतदाताओं के सामने इमोशनल कार्ड का दांव खेल दिया है। राजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (77 वर्ष) और रतलाम-झाबुआ में कांतिलाल भूरिया (74) वोटर्स के बीच सियासी तौर पर इसे अपनी अंतिम चुनावी पारी बता कर इमोशनल अपील कर रहे हैं। छिंदवाड़ा में विपरीत सियासी परिस्थितियों के बावजूद पूर्व सीएम 78 वर्षीय कमल नाथ अपने पुत्र नकुलनाथ की चुनावी नैया पार लगाने संबंधों की दुहाई दे रहे हैं। विदिशा में प्रतापभानु शर्मा अपने संबंधों का जिक्र कर लोगों से समर्थन मांग रहे हैं।

कमलनाथ: पब्लिक के बीच पुराने संबंधों की दुहाई

मौजूदा संसदीय चुनाव में कांग्रेस के चारों दिग्गजों के जीवन भर की सियासी पुण्याई और प्रताप दांव पर है। पूर्व सीएम नाथ के 45 वर्षीय राजनीतिक जीवन में यह चुनाव सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। नाथ कह रहे हैं कि मैं अंतिम सांस तक छिंदवाड़ा की सेवा करता रहूंगा। भाजपा ने पूर्व सीएम नाथ के विश्वस्त लोगों को तोड़ लिया है। आगामी चुनाव तक कमलनाथ की उम्र 83 पार हो जाएगी। इसलिए वह पुराने संबंधों की दुहाई दे रहे हैं।

दिग्विजय सिंह: आखिरी चुनाव के नाम पर वोट

राजगढ़ सीट पर पूर्व सीएम दिग्विजय हर दिन 25-30 किलोमीटर पैदल चल कर लोगों से आखिरी चुनाव के नाम पर वोट मांग रहे है। हाल ही में उन्होंने अपनी भावनात्मक अपील में कहा था कि ‘मै 77 साल का हो गया हूं, यह मेरा आखिरी चुनाव है। इसके बाद मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा।’ दिग्विजय के चुनाव प्रचार पर उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह, पुत्र जयवर्धन सिंह के अलावा पुत्र वधु और नन्हा पौत्र भी गांव-गांव जाकर वोट मांगने में जुटे हैं।

प्रताप भानु: 32 साल का मांग रहे रहे हिसाब

इधर विदिशा में प्रताप भानु शर्मा ने ‘ पीपुल्स समाचार’ से चर्चा में स्वीकार किया कि अगले चुनाव में 82 का हो जाउंगा। वह बताते हैं कि मैं सभी से एक ही बात कह रहा हूं कि मेरे प्रतिद्वंद्वी शिवराज सिंह चौहान 18 साल सीएम और 14 साल सांसद रहे। 32 साल में क्षेत्र के लिए क्या किया, उसका हिसाब दे दें।

भूरिया: लोगों से संबंध निभाने का ले रहे वादा

रतलाम क्षेत्र में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को पुराने अनुभव और परिचय का लाभ मिल रहा है। आश्वस्त हैं कि पुराने संबंधों को निभाने की खातिर उनके अंतिम चुनाव में लोग निराश नहीं करेंगे। पब्लिक मीटिंग में वह दोहरा चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है। उनके बेटे-बहु आदिवासी समाज में इमोशनल अपील के सहारे उन्हें लुभाने में जुटे हैं।

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