जबलपुरमध्य प्रदेश

मानहानि नोटिस पर माफी का समय खत्म, विवेक तन्खा 3 जनवरी को हाईकोर्ट में पेश करेंगे प्रकरण

जबलपुर। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण मामले में आरोप लगाए जाने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने तीन दिन में माफी मांगने का समय खत्म होने के बाद अब कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। बता दें कि सीएम शिवराज सिंह, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर 10 करोड़ रुपए मानहानि का दावा करते हुए इसके लिए जरूरी डेढ़ लाख रुपए का चेक जमा करा दिया है। 3 जनवरी को हाईकोर्ट प्रकरण लगाया जाएगा।

ये भी पढ़ें: MP पंचायत चुनाव टलने के आसार! नरोत्तम मिश्रा बोले- लोगों की जिंदगी से बड़ा नहीं है चुनाव

कोर्ट-कचहरी के साथ भी किया छल: तन्खा

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्य सभा सांसर विवेक तन्खा ने कहा कि सीएम ने मुझ पर मिथ्या आरोप लगाते हुए मेरे साथ या कांग्रेस और जनता के साथ ही छल नहीं किया है। इन्होंने कोर्ट-कचहरी के साथ भी छल किया है। तन्खा ने कहा कि हम संविधान में आस्था रखते हैं। कोर्ट को ताकतवर बनाना चाहते हैं। दुष्प्रचार वो करते हैं। बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर के मुताबिक तीन जनवरी को कोर्ट खुलते ही मानहानि का प्रकरण पेश करेंगे।

कोर्ट में रखूंगा सबूत: तन्खा

विवेक तन्खा ने कहा कि अब कोर्ट तय करेगी कि विवेक तन्खा झूठ बोल रहे हैं या भाजपा वाले। सीएम शिवराज से अधिक मीडिया का सुख-दुख का साथी मैं हूं। सीएम हाउस से कई मीडिया हाउस को फोन कर बोला गया कि तन्खा का वीडियो मत दिखाओ। इसके मेरे पास सबूत हैं और कोर्ट में इसे भी रखूंगा। वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर के मुताबिक तीन जनवरी को कोर्ट खुलते ही मानहानि का प्रकरण पेश करेंगे।

19 दिसंबर को भेजा था मानहानि का नोटिस

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा एमपी में ओबीसी सीटों के निर्वाचन पर रोक लगाए जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसके लिए विवेक तन्खा को जिम्मेदार ठहराया था। दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका के चलते ऐसा आदेश हुआ। इसे मिथ्या और आधारहीन बताते हुए विवेक तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने 19 दिसंबर को 10 करोड़ रुपए मानहानि का दावा करते हुए सीएम सहित तीनों नेताओं को नोटिस भेजा है। बता दें कि नोटिस में तीन दिन में माफी मांगने की बात लिखी थी। नोटिस में कहा गया है कि इस आरोप से तन्खा की सामाजिक छवि धूमिल हुई है।

ये भी पढ़ें: महाकाल की भस्मारती: 17 दिन बाद फिर श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद, ऑनलाइन बुकिंग भी की निरस्त

संबंधित खबरें...

Back to top button