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‘गदर’ के अनजान नायकों की कहानी नाटक विप्लव आहुति के जरिए दिखी

शहीद भवन में सात दिवसीय जनयोद्धा राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ

स्वराज संस्थान संचालनालय के तत्वावधान में जनयोद्धा राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ अमर शहीदों की वीरगाथा पर केंद्रित नाटक विप्लव आहुति के साथ हुआ। इस नाटक का निर्देशन मप्र नाट्य विद्यालय के डायरेक्टर टीकम जोशी ने किया है। श्री जोशी ने बताया कि इस नाटक का लेखन रंग प्रयोगशाला के स्टूडेंट्स ने किया है। उन्होंने आचार्य चतुरसेन शास्त्री की पुस्तक ‘फांसी और चांद’ से क्रांतिकारी रास बिहारी बोस, बालमुकुंद, अमीरचंद, विष्णु गणेश पिंगले, और करतार सिंह की वीरगाथा को मंचित किया जिसमे 37 कलाकारों ने अभिनय किया। करीब डेढ़ घंटे चले इस नाटक में साल 1912-1915 तक हुए गदर आंदोलन की कहानी को दिखाया गया। नाटक में दिल्ली, लाहौर मेरठ, पंजाब, काशी और फिरोजपुर में हुए घटनाक्रम दर्शकों को देखने मिले।

नाटक विप्लवियों के दिखाए बागी तेवर

नाटक विप्लव आहुति उन विप्लवियों के बारे में है, जिन्होंने अपने बागी तेवर के साथ अंग्रेजी सरकार को अपने पंजों पर ला खड़ा किया। नाटक का समय साल 1912-1915 तक का है। गदर पार्टी का नेतृत्व कर रहे लाला हरदयाल इन सभी विप्लवियों का प्रेरणास्रोत बने। नाटक शुरू होता है ‘कोमागाटामारू’ एक जापानी समुद्री जहाज से। इसमें रास बिहारी बोस ने पहले यज्ञ में भाई बालमुकुंद एवं अमीरचंद को एकत्र कर दिल्ली- लाहौर आंदोलन को अंजाम दिया। फिर 2 साल बाद विष्णु गणेश पिंगले और करतार सिंह को रास बिहारी बाबू ने फिरोजपुर छावनी पर धमाका करने के लिए तैयार किया। सारे असफल प्रयासों के बाद भी उन विप्लवियों ने देश को आजाद करवाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई की।

करतार सिंह का रोल किया

मैं रंग प्रयोग शाला का छात्र हूं। मैं अब तक 15-20 नाटकों में अभिनय कर चुका हूं। यह नाटक मैं पहली बार कर रहा हूं। इसमें मेरा किरदार करतार सिंह का है। इस नाटक में हमने उन अमर शहीदों की वीरगाथा को दिखाया है, जिनके बारे में अधिकांश लोग नहीं जानते। -प्रदीप तिवारी, कलाकार

देशभक्ति का दिखा जज्बा

इस नाटक में हमने गदर आंदोलन के उन अनजान नायकों की कहानी देखी , जिनके बारे में कभी नहीं सुना नहीं था। इस नाटक को देखकर देशभक्ति का जज्बा जागा। उन अमर शहीदों की बदौलत हम अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए। -रक्षा विश्वकर्मा, दर्शक

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