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World Mental Health Day: क्यों मनाया जाता है विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस? जानें इसका महत्व और इतिहास

नई दिल्ली। चिंता हमें तनाव देती है और अगर ये तनाव लंबे समय तक बना रहे, तो ये डिप्रेशन यानी अवसाद में तब्दील हो सकता है। मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, इंजायटी से लेकर हिस्टिरिया, डिमेंशिया, फोबिया जैसी कई मानसिक बीमारियां पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बहुत ज्यादा जरूरी हो जाती है। वैसे भी मेंटल हेल्थ शरीर के नजरअंदाज किये जाने वाले हिस्सों में से एक है। मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है।

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे का इतिहास

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की शुरुआत साल 1992 में हुई थी। इसे यूनाइटेड नेशन्स के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर शुरू किया गया था। इस फेडरेशन में 150 से अधिक देश शामिल थे। 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने एक थीम तय कर इस दिवस को मनाने की सलाह दी। इसके बाद से ही प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ाने को लेकर दुनिया भर में तरह-तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं।

साल 2021 की यह है थीम

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाये जाने के लिए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है। वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ के प्रेसिडेंट डॉ इंग्रिड डेनियल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021 के लिए थीम की घोषणा की है। इस साल की थीम निर्धारित की गयी है, ‘एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य’ (Mental Health in an Unequal World)। इस दिन आयोजित होने वाली सभी कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे।

इस थीम को चुनने के पीछे मकसद यह है कि आज के इस कोरोना काल में अमीर से लेकर गरीब तक हर कोई मानसिक बीमारियों से ग्रसित है। लेकिन, समाज में आज भी इसे लेकर सामाजिक और आर्थिक दर्जे के अनुसार भेदभाव बहुत बढ़ा है।

इसे मनाने का महत्व

बदलती लाइफस्टाइल की वजह से हम अपनी तनाव भरी जिन्दगी में उलझते ही जा रहे हैं जिससे हम बहुत सी मानसिक समस्या जैसे स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टीरिया, एग्जाइटी, आत्महीनता जैसी बीमारियों से घिरते ही जा रहे हैं। किसी तरह की मानसिक परेशानी आने पर हमें डॉक्टरी सहायता जरूर लेनी चाहिए। इन दिक्कतों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। जिससे लोग मानसिक दिक्कतों और बीमारियों के प्रति जागरूक हों और समय रहते अपना इलाज करवा सकें।

मेंटल हेल्थ को लेकर भारत की स्थिति

साल 2015-16 में हुए एक नेशनल सर्वे के अनुसार, भारत में हर 8 में से एक व्यक्ति यानी करीब 17.5 करोड़ लोग, किसी एक तरह की मानसिक बीमारी (mental illness) से ग्रसित हैं। इनमें से 2.5 करोड़ लोग गंभीर बीमारी से ग्रसित है। इन्हें तुरंत मेंटल हेल्प की जरूरत है।

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