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शहीद दिवस पर CM शिवराज का ऐलान : मनुभावन टेकरी पर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमा लगाई जाएगी और बनेगा स्मारक

भोपाल। संस्कृति विभाग द्वारा शहीद दिवस के अवसर पर गुरुवार शाम को राजधानी के रवींद्र भवन में अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की शहादत का ‘स्मृति प्रसंग’ आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला एवं सांगीतिक दल की प्रस्तुति हुई।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में लगातार वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारे लगते रहे। कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों श्रद्धा सुमन अर्पित कर हुई।

ब्रिटिश सरकार घबरा गई थी : सीएम

सीएम शिवराज ने कहा कि, ब्रिटिश सरकार शहीद ए आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव से इतनी घबराई थी कि समय से पहले ही फांसी दे दी। पूरा देश इंकलाब जिंदाबाद के नारे से गुंजायमान हो रहा था। मैं अमर शहीदों का चारण, उनके यश गया करता हूं। कर्ज राष्ट्र ने खाया है, मैं उसे चुकाया करता हूं। मैं अमर शहीदों के चरणों में अपनी श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं।

सरदार भगत सिंह जी कहते थे कि ‘स्वतंत्रता व्यक्ति का कभी खत्म न होने वाला अधिकार है’। वह फांसी वाले दिन भी बिना भय के मस्ती से किताब पढ़ रहे थे। उन्होंने देश को संदेश दिया कि “साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, इंकलाब जिंदाबाद”।

अमर क्रांतिकारियों के बलिदान का पाठ पढ़ाया जाएगा

इस मौके पर सीएम शिवराज ने ऐलान करते हुए कहा, भोपाल की मनुभावन टेकरी पर सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी की प्रतिमा लगाई जाएगी और स्मारक बनेगा। पाठ्यक्रम में तीनों अमर क्रांतिकारियों के बलिदान का पूरा पाठ पढ़ाया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान से प्रेरणा ले सकें।

शहीदों ने आपने सर्वस्व न्योछावर कर दिया

सीएम शिवराज ने कहा, कैप्टन विक्रम बत्रा एवं कैप्टन मनोज पाण्डेय जी के चरणों में प्रणाम तथा उनके परिजनों के चरणों में भी प्रणाम और संकल्प यही कि आपने सर्वस्व न्योछावर कर दिया, लेकिन जो सपने थे, भारत के निर्माण के उसके लिए हम भी अपना सर्वस्व झोंककर काम करेंगे।

मनोज मुंतशिर के शेर से देशभक्ति की लहर दौड़ी

इस समारोह में प्रख्यात गीतकार मनोज मुंतशिर ने कहा, एक दिन दो अंग्रेज ऑफिसर रॉर्बट और बारकर भगत सिंह से मिलने आते हैं। भगत सिंह से कहते हैं कि भगत बर्तानियां सरकार ने सोचा है कि फांसी माफ कर दी जाए। बस तुम्हें एक माफीनामा लिखना है कि तुम आगे से सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं करोगे। तब भगत सिंह ने कुछ कहा नहीं वह मुस्कुराते हुए दोनों अंग्रेजों की तरफ देखते रहे।

भगत सिंह ने उस समय एक चिठ्‌ठी लिखी, जिसमें उन्होंने लिखा मेरी फांसी रद्द कर दी जाए। क्योंकि, फांसी अपराधियों को दी जाती है, लेकिन मैं क्रांतिकारी हूं। भारत माता का बेटा हूं। मुझे चौराहे पर गोली से उड़ा दिया जाए। वो मोरी शान होगी। इस दौरान मनोज मुंतशिर ने कई सारे देश भक्ति के शेर भी सुनाए और कार्यक्रम में देशभक्ति की लहर दौड़ गई।

शहीदों के परिवार का सम्मान

कार्यक्रम रवीन्द्र भवन स्थित हंसध्वनि सभागृह में आयोजित किया गया। समारोह में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के परिवार के लोगों को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। इस आयोजन में मप्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, करगिल शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन मनोज पांडेय सहित अन्य शहीदों के परिवार भी शामिल हुए। इसमें भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के परिजन भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में शहीदों के परिवार का सम्मान भी किया जाएगा।

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