
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने एक बार फिर बाहरी मजदूर को निशाना बनाया है। यहां आतंकियों ने एक गैर-कश्मीरी मजदूर को गोली मार दी। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया, फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वहीं पुलिस के मुताबिक, आतंकवादियों की तलाश के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल का रहने वाला है मजदू
जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से बताया गया कि पुलवामा में उगरगुंड नेवा में आतंकवादियों ने एक बाहरी मजदूर पर फायरिंग की है। घायल मजदूर की पहचान मुनीरुल इस्लाम के रूप में हुई है। मजदूर मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इससे पहले स्वतंत्रता दिवस से तीन दिन पहले 12 अगस्त को आतंकियों ने बांदीपोरा में टारगेट किलिंग की थी।
बाहरी मजदूरों को निशाना बना रहे आतंकी
कश्मीर में आतंकी लगातार बाहरी मजदूरों को निशाना बना रहे हैं। इसके साथ ही वो कश्मीरी पंडितों को भी लगातार निशाना बना रहे हैं। घाटी में पिछले चार महीनों में 11 बार टारगेट किलिंग के मामले सामने आए हैं। हालांकि, आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों लगातार अभियान चलाए हुए हैं। गुरुवार को ही सुरक्षाबलों ने टारगेट किलिंग के लिए जा रहे एक आतंकी मददगार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में गिरफ्तार किया है।
घाटी में हुई टारगेट किलिंग
12 अगस्त: बांदीपोरा के सोदनारा सुंबल में गैर-कश्मीरी मजदूर पर फायरिंग की। इसमें उसकी मौत हो गई।
18 जून: पुलवामा में पुलिस के सब इंस्पेक्टर फारूक अहमद मीर की हत्या।
2 जून: बडगाम में आतंकियों ने देर शाम दो गैर-कश्मीरी मजदूरों को बनाया निशाना, एक की मौत, एक घायल।
2 जून: कुलगाम जिले में एक बैंक प्रबंधक की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
31 मई: कुलगाम के गोपालपोरा में हिंदू महिला शिक्षक रजनी बाला की हत्या।
25 मई: बडगाम में घर पर टीवी कलाकार अमरीन भट की हत्या। उसका 10 वर्षीय भतीजा हाथ में गोली लगने से घायल।
24 मई: श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की हत्या। उसकी 7 साल की बेटी घायल
17 मई: बारामुला में शराब दुकान पर ग्रेनेड हमला, राजोरी के सेल्सैन रंजीत सिंह की मौत, तीन अन्य घायल
13 मई: पुलवामा के गडूरा गांव में निहत्थे पुलिसकर्मी रियाज अहमद की हत्या
12 मई: बडगाम में कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की चाडूरा तहसील कार्यालय में घुसकर हत्या हत्या कर दी।
7 मई: श्रीनगर में डॉ अली जान रोड पर आइवा ब्रिज के पास आतंकवादी हमले में पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार की मौत।
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घाटी में लगातार क्यों हो रही टारगेट किलिंग?
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक टारगेटेड किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि इसका मकसद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं को रोकना है।
टारगेटेड किलिंग में खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।