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रोहित की कप्तानी पर संकट के बादल, विंडीज दौरे के बाद इंडिया को मिल सकता है नया नेतृत्व!

नई दिल्ली। रोहित शर्मा की टेस्ट कप्तानी को तुरंत कोई खतरा नहीं है, लेकिन मुंबई के इस स्टार बल्लेबाज को अगर पारंपरिक प्रारूप में अपनी नेतृत्व क्षमता पर सवालिया निशान लगने से रोकना है तो वेस्टइंडीज में शानदार प्रदर्शन करना होगा। रोहित वेस्टइंडीज में दो टेस्ट की सीरीज में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे और संभवत: इसके बाद बीसीसीआई के साथ बैठकर पारंपरिक प्रारूप में अपने भविष्य पर चर्चा करेंगे।

भारतीय टीम में इस मामले की जानकारी रखने वालों की माने तो रोहित अगर 12 जुलाई से डोमीनिका में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली दो टेस्ट की सीरीज में कप्तानी से स्वयं हटने का फैसला नहीं करते हैं तो वह टीम की अगुआई करेंगे। रोहित हालांकि डोमीनिका या पोर्ट ऑफ स्पेन में होने वाले दूसरे टेस्ट (20 से 24 जुलाई) में अगर कोई बड़ी पारी नहीं खेलते हैं तो बीसीसीआई के आला अधिकारियों और राष्ट्रीय चयन समिति पर कड़ा फैसला करने का दबाव होगा।

अपनी कप्तानी में सिर्फ एक अच्छी पारी खेली है हिट मैन ने

नागपुर के चुनौतीपूर्ण ट्रैक पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 120 रनों के शानदार स्कोर को छोड़कर रोहित शर्मा ने उस तरह के रन नहीं बनाए हैं, जैसी उनसे उम्मीद की जाती है। रोहित ने 2022 में टेस्ट कप्तानी संभाली थी। उनके कप्तान बनने के बाद भारत ने 10 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान रोहित अलग-अलग कारणों से तीन मैच नहीं खेल पाए। कप्तान के तौर पर रोहित ने सात टेस्ट में 390 रन बनाए। 11 पारियों में उनका औसत 35.45 का रहा। एक शतक के अलावा वह कोई भी 50 या उससे अधिक रन की पारी नहीं खेल पाए।

दिसंबर में मिल सकता है नया टेस्ट कप्तान

दरअसल, बीसीसीआई अन्य खेल संगठनों से बहुत अलग तरीके से काम करता है। भारतीय बोर्ड में सत्ता में बैठे लोगों का मानना है कि जब आलोचना चरम पर पहुंच जाती है तो आप निर्णय नहीं लेते हैं। दिसंबर में टीम दक्षिण अफ्रीका जाएगी। ऐसे में चयनकर्ताओं के पास विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय है। तब तक पांचवां चयनकर्ता (नया अध्यक्ष) भी पैनल में शामिल हो जाएगा और फैसला लिया जा सकता है।

पुजारा बड़ी टीमों के खिलाफ हुए फेल

चेतेश्वर पुजारा ने उसी चरण में आठ टेस्ट खेले और 14 पारियों में 40.12 की औसत से 482 रन बनाए। उन्होंने एक 90 और 102 रन की पारी खेली। दोनों कमजोर टीम कही जाने वाली बांग्लादेश के खिलाफ बनाए थे। चयनकर्ताओं को पता है कि अगले तीन साल में 35 से ज्यादा उम्र की ये तीन खिलाड़ी एक साथ शीर्ष क्रम में नहीं रह सकते हैं। ऐसे में उन्हें कठिन फैसले लेने होंगे।

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