
आज मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है, जिसमें बिजली अनियमितताओं से संबंधित प्रकरणों में समझौते का मौका दिया जा रहा है। सुनवाई में उपभोक्ताओं को 30 प्रतिशत तक सिविल दायित्व में छूट का लाभ भी मिल सकता है।
108 करोड़ रु से ज्यादा का बकाया
पूर्व क्षेत्र कंपनी के विजिलेंस प्रभारी एसके श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन से जुड़े 48540 प्रकरण है। जिसमें 6942.49 लाख रुपए की वसूली होना है। वहीं लिटिगेशन प्रकरण 18659 है। इनमें 3861.94 लाख रुपए की वसूली होना है। कंपनी स्तर पर करीब 108 करोड़ रु से ज्यादा की राशि बकाया है।
इस नियम के तहत हो सकता है समझौता
अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत विशेष न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों में लिटिगेशन प्रक्रिया के माध्यम से और कार्यालयों में लंबित प्रकरणों में प्रीलिटिगेशन प्रक्रिया के नियम के तहत समझौता किया जा सकता है। इसके अलावा धारा 126 के तहत दर्ज प्रकरणों का निराकरण भी प्रीलिटिगेशन प्रक्रिया के तहत लोक अदालत में कराया जाएगा।
ज्यादा से ज्यादा लोग ले सकते हैं लाभ
लोक अदालत में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू उपभोक्ता, पांच किलोवाट तक के गैर घरेलू उपभोक्ता, समस्त कृषि उपभोक्ता और 10 एचपी भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियमानुसार छूट व लाभ की पात्रता होगी। इस संबंध में मुख्य अभियंता अरविंद चौबे ने कहा कि उपभोक्ताओं को नोटिस भेजे जा चुके हैं। लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ लोक अदालत के माध्यम से समझौता करके उठा सकते हैं। बता दें कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देश पर शनिवार को मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के न्यायालयों में कुल 1289 व हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर पीठ में 12 खंडपीठों को मिलाकर कुल 1301 खंडपीठों का गठन किया गया है।
यह भी पढ़ें : कालीमठ के पास हुए महिला के अंधे कत्ल का पर्दाफाश, पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी