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अमेरिका में 1 लाख मौत देने वाले फेंटानिल को रोकेगा चीन

अमेरिकी राष्ट्रपति ने फेंटानिल ड्रग को लेकर किया ऐलान

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि चीन फेंटानिल को रोकने में मदद करेगा। फेंटानिल ड्रग के कारण अमेरिका में पिछले साल 70 हजार लोगों की मौतें हुर्इं। इसको लेकर हाल ही में जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चर्चा हुई। दोनों देश इसे रोकने में जुट गए हैं। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सीडीसी के मुताबिक, फेंटानिल की ओवरडोज से रोजाना करीब 150 लोगों की मौत हो रही है। अमेरिका में जुलाई 2021 से जून 2022 के बीच 1,07,000 मौते हुर्इं। इन मौतों से चिंतित बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग पर उन चीनी कंपनियों पर नकेल कसने के लिए दबाव डाला है, जो फेंटानिल का प्रोडक्शन करने में मदद कर रही हैं। दरअसल, अमेरिका में चीन से फेंटानिल या उसे बनाने वाले केमिकल अवैध तरीके से आते हैं। मार्फिन से 100 गुना ज्यादा स्ट्रांग फेंटानिल: अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, फेंटानिल एक तरह का सिंथेटिक ओपिओइड है। यह खास तरह का ड्रग होता है। जो हेरोइन से 50 गुना और मॉर्फिन से 100 ज्यादा स्ट्रॉन्ग होता है। इसके ओवरडोज से बेहोशी या फिर मौत हो सकती है।

दो तरीके का होता है फेंटानिल ड्रग

फेंटानिल दो तरह का होता है। पहला, जो दवाओं में इस्तेमाल होता है। दूसरा, जो गैर-कानूनी तरह से बनाया जाता है। डॉक्टर्स मरीजों को दर्द, सर्जरी के बाद और कैंसर की एडवांस स्टेज में फेंटानिल प्रिस्क्राइब करते हैं। पिछले कुछ सालों में गैर-कानूनी तरह से बनने वाले फेंटानिल के ओवरडोज के मामले 182% बढ़े हैं।

अलग-अलग नामों से बिकता है बाजार में :

फेंटानिल से जुड़ी दवाएं अमेरिका में आसानी से उपलब्ध हैं। पिछले कुछ सालों में यह आसानी से और कम लागत में लैब में बनाया जाने लगा है। नतीजा, इसका प्रोडक्शन बढ़ा। इसे अलग- अलग नामों से बाजारों में बेचा जा रहा है। जैसे- हीमैन, पॉइजन, डांस फीवर, चाइना वाइट, चाइना गर्ल, टैंगो, कैश, ग्रैट बियर जैसे कोड नेम से उपलब्ध हो गया है।

दिमाग पर असर डालता है ड्रग, अजीब तरह की होती है खुशी

फेंटानिल लेने पर सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। अजीब तरह की खुशी का अहसास होता है। बेहोशी सी आने लगती है। कुछ मामलों में उल्टी आ सकती है, कंμयूजन की स्थिति बन सकती है। यह लिक्विड और पाउडर दोनों तरह से उपलब्ध होता है, जो दूसरे ड्रग की तरह होता है। आमतौर पर इसे हेरोइन या कोकीन के साथ मिलाया जाता है।

एफडीए ने दी थी अनुमति

बता दें, अमेरिका के फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के मुताबिक, 1998 में इसे दर्द की दवा के तौर पर अनुमति दी गई थी, जिसे फार्मा कंपनियां ने कैंसर के मरीजों के दर्द दूर करने के लिए तैयार किया था। इसे इंजेक्शन, टेबलेट या स्किन पैच के जरिए मरीजों को दिया जाता था। सीडीसी के मुताबिक, बिना डॉक्टरी सलाह के इसे लेना खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इसका असर 5 मिनट में दिख सकता है।

मैक्सिको बॉर्डर से पहुंचती है

ड्रग इन्फोर्समेंट एसोसिएशन (डीईए) के मुताबिक, फेंटानिल की ज्यादातर खेप अवैध तरीके से चीन से होते हुए मैक्सिको बॉर्डर से अमेरिका तक आती है। चीन से ही फेंटानिल मैक्सिको, कनाडा और भारत आता है और वहां से फिर अमेरिका में आता है।

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