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Repo Rate : ब्याज दरों में लगातार 9वीं बार बदलाव नहीं, RBI ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखी; 18 महीनों से रेपो रेट स्थिर

बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। मौद्रिक नीति समिति ने तीन दिन की बैठक के बाद रेपो रेट को मौजूदा दर 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी।

RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं। 6 अगस्त से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में 4:2 के बहुमत से रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया गया गया। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है। इससे पहले जून में हुई बैठक में भी RBI ने ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी।

RBI गवर्नर ने दी जानकारी

यह रिजर्व बैंक की वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश होने के बाद पहली बैठक थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने 23 जुलाई को पूर्ण बजट पेश किया था।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2% रहने का अनुमान है, जिसमें वृद्धि दर पहली तिमाही में 7.1%, दूसरी तिमाही में 7.2%, तीसरी तिमाही में 7.3% और चौथी तिमाही में 7.2% रहने का अनुमान है। 2025-26 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2% रहने का अनुमान है।” उन्होंने कहा कि, अप्रैल और मई के दौरान 4.8 प्रतिशत पर स्थिर रहने के बाद मुद्रास्फीति (Inflation) जून में बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई।

एमपीसी बैठक में SDF 6.25%, MSF 6.75% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा कैश रिजर्व अनुपात 4.50% और SLR 18% पर यथावत है। RBI ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% बरकरार रखा है, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 का महंगाई अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के लिए खाद्य महंगाई दर को काबू में रखना पहली चुनौती है। इसके लिए इकोनॉमी की ग्रोथ बनी रहे, इसपर केंद्रीय बैंक की नजर बनी हुई है।

फरवरी 2023 से रेपो रेट स्थिर

देश में महंगाई के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इसे तय दायरे में वापस लाने के लिए रिजर्व बैंक ने मई 2022 के बाद से लगातार नौ बार Repo Rate में इजाफा किया था। वहीं फरवरी 2023 के बाद से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। अप्रैल और जून में हुई बैठक में भी इस दर को स्थिर रखा गया था।

पिछले वित्त वर्ष 6 बार में इतना बढ़ा रेपो रेट

मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है।

  • अप्रैल 2022 में हुई मीटिंग में RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था। लेकिन RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था।
  • 6 से 8 जून 2022 को हुई मीटिंग में रेपो रेट को 0.50% बढ़ाकर 4.90% कर दिया गया।
  • अगस्त 2022 में इसे 0.50% बढ़ाया गया जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई।
  • सितंबर 2022 में रेपो रेट को 0.50%बढ़ाकर 5.90% कर दिया गया।
  • दिसंबर 2022 में हुई मीटिंग के बाद ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गई।
  • वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी मीटिंग फरवरी में हुई, जिसमें ब्याज दरें 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दी गई थीं।

क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट ?

जानकारी के मुताबिक, रेपो रट वे दर है जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है। बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। बता दें कि रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे। जबकि रिवर्स रेपो रेट इसके उलट होता है। रिवर्स रेपो रेट वे दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा पर RBI से ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट के जरिए बाजार में लिक्विडिटी कंट्रोल किया जाता है।

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