
नई दिल्ली – भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के छोटे बेटे विजयेंद्र येदियुरप्पा (बीवाई विजयेंद्र) को कर्नाटक भाजपा का नया अध्यक्ष नियुक्ति किया है। वे वर्तमान बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट नलिन कुमार कतील की जगह लेंगे। राजनीतिक जानकारों के अनुसार विधायक विजयेंद्र को संगठन का कुशल रणनीतिकार माना जाता है। उन्हें येदियुरप्पा के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जाता है।
पहली बार के MLA बने प्रदेशाध्यक्ष
47 साल के विजयेंद्र की नियुक्ति के साथ ही कर्नाटक बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलें समाप्त हो गई हैं। उनकी नियुक्ति से ये साफ हो गया है कि पार्टी में लिंगायत समाज से आने वाले नेता बीएस येदियुरप्पा का असर अब भी बरकरार है। गौरतलब है कि मई में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद से ही पार्टी के राज्य नेतृत्व में बदलाव को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। ऐसे में प्रबल संभावना यही थी कि भाजपा किसी लिंगायत नेता को ही नया अध्यक्ष बनाएगा, लेकिन परिवारवाद के मुद्दे को नजरअंदाज करते हुए पार्टी ने पहली बार विधायक बने विजयेंद्र को नेता को इस पद पर नियुक्त किया है।
हार के बाद समझ आया येदियुरप्पा का प्रभाव
मई माह में हुए कर्नाटक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा को किनारे कर दिया था। उनकी बजाय पार्टी ने नए नेतृत्व पर भरोसा जताया था। हालांकि इन चुनावों में बीजेपी को सफलता नहीं मिली। इसके लिए लिंगायत समुदाय का समर्थन न मिलना भी एक बड़ी वजह बना। जानकारों के मुताबिक येदियुरप्पा उसी वर्ग से आते हैं और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उन्हें चुनाव में साइड लाइन करने से यह तबका पार्टी से दूर हो गया। अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि 2024 में इस वर्ग को साधने की रणनीति के तहत ही परिवारवाद के मुद्दे को दरकिनार कर येदियुरप्पा परिवार से ही नया स्टेट बीजेपी चीफ नियुक्ति किया गया है। गौरतलब है कि बीएस येदियुरप्पा के बड़े पुत्र बी वाई राघवेंद्र भी लोकसभा के सदस्य हैं।
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