भोपाल

सेहत और स्वाद का साथ बना रहे, इसलिए चीट डे में ही लें जंक फूड

जंक फूड डे आज : डॉक्टर्स के मुताबिक-महीने में एक -दो बार ही लें फास्ट फूड

आज के इस दौर में जंक फूड सभी के खाने का हिस्सा बन चुका है। बहुत तरह के मसाले, सॉस और चीज की कई लेयर से भरपूर यह खाना अपने प्रेजेंटेशन के कारण भी आकर्षक लगता है लेकिन इसमें सही पोषक तत्वों की कमी हमेशा ही रह जाती है। बावजूद इसका सेवन लगातार बढ़ रहा है। इस बारे में डायटीशियन व न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि दरअसल, यह इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि हम सोशल मीडिया पर कोई भी वीडियो देखे बीच में खाने का विज्ञापन जरूर आता है। यह जरूर सुनने में आता दिस कैन बी योअर नेक्स्ट मील। तो जब बार- बार स्क्रीन पर फास्ट फूड के एड दिखेंगे तो कहीं न कहीं उन्हें खाने की क्रेविंग भी होगी और इस तरह जंक फूड खाने का हिस्सा बनता जा रहा है लेकिन इस बारे में फिर एक बार सोचना होगा कि क्या यह ठीक है। चीट डे के रूप में यदि जंक फूड लेना प्लान कर सकते हैं तो इस बारे में सोचें।

डाइजेस्टिव और कार्डियोवैस्कुलर समस्या

जंक फूड का असर डाइजेस्टिव और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर पड़ता है क्योंकि इसमें काफी मात्रा में ट्रांस फैट, शुगर और अनहेल्दी तत्व होते हैं जिसके कारण मोटापे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल आदि होने का रिस्क बढ़ता है व हृदय रोग होने की संभावना भी काफी बढ़ती है। यदि जंक फूड लेने चाहते हैं तो फैमिली के साथ इसकी प्लानिंग करें और चीट मील के रूप में इसे महीने में एक से दो बार से ज्यादा बाहर न खाएं। दरअसल चीट मील यानी किसी दिन अपनी पसंद का कुछ खा सकें, वो भी बहुत थोड़ी सी मात्रा में। ऐसा अक्सर डाइटिंग के दौरान किया जाता है, तो जंक फूड खाने से बचना चाहते हैं तो अपना चीट डे प्लान कर सकते हैं।

जंक फूड से कमजोर होने लगती हैं हड्डियां

अत्यधिक सोडियम इंटेक से बच्चों में तथा वयस्कों में कैल्शियम की मात्रा कम होती जाती है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, इसलिए जंक फूड से बचना चाहिए, लेकिन फिर भी जंक फूड खाना चाहते हैं तो यह चीट डे तय कर सकते हैं कि महीने में एक या दो बार ही बाहर इसे खाएंगे। -डॉ. अलका दुबे, आहार विशेषज्ञ

जंक फूड से बढ़ जाती है सोडियम की मात्रा

अगर हम जंक फूड लेते हैं, तो इसमें छुपी हुई सोडियम ज्यादा होती है। अगर हम केक्स, पेस्ट्रीज, ब्रेड, टोस्ट आदि का प्रयोग करते हैं तो इसकी मात्रा हमारी दिन भर की आवश्यकता से बहुत कई गुना अधिक होती है जो शरीर को नुकसान पहुंचाती है। -डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, न्यूट्रीशनिस्ट

संबंधित खबरें...

Back to top button