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यूनेस्को ने ग्वालियर को दिया सिटी ऑफ म्यूजिक का खिताब

दुनिया भर में 55 शहरों को क्रिएटिव सिटीज का खिताब मिला, भारत से ग्वालियर और कोझीकोड शामिल

ग्वालियर। मप्र के स्थापना दिवस पर ग्वालियर को वैश्विक सौगात मिली है। यूनेस्को ने 2022 की क्रिएटिव शहरों की सूची में ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ के खिताब से नवाजा है। इससे पहले 2016 में वाराणसी और 2017 में चेन्नई को चुना गया था। यूनेस्को ने भारत से संगीत के लिए ग्वालियर और साहित्य के लिए केरल के कोझिकोड को चुना है।

सिंधिया ने लिखा था यूनेस्को को पत्र

गौरतलब है कि ग्वालियर को यूनेस्को द्वारा सिटी ऑफ म्यूजिक का खिताब देने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जून महीने में यूनेस्को को एक पत्र भी लिखा था।

प्रदेश के टूरिज्म विभाग ने भेजा था प्रस्ताव

मप्र टूरिज्म डिपार्टमेंट ने इसका प्रस्ताव मार्च 2021 में यूनेस्को को भेजा था। प्रस्ताव में बताया गया था कि ग्वालियर संगीत धरोहर के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। शहर महान गायक तानसेन, बैजू बावरा, ‘संगीत के राजा’ ध्रुपद के लिए प्रसिद्ध है।

कोझिकोड में 500 से ज्यादा लाइब्रेरी

कोझिकोड में 500 से ज्यादा लाइब्रेरी और 70 से अधिक प्रकाशक हैं। वार्षिक केरल साहित्य महोत्सव, कई पुस्तक उत्सवों से कोझिकोड की दावेदारी मजबूत हुई।

यूनेस्को के रचनात्मक शहरों के नेटवर्क में चयनित किए जाने के बाद ग्वालियर के संगीत को विश्व पटल पर नई पहचान मिलेगी। – ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री

यह ग्वालियरवासियों को गौरवान्वित करने की बात है। इससे संगीत साधक, कलाकार और संगीत संस्थानों के विकास व देश विदेश में प्रचार-प्रसार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। तानसेन की नगरी ग्वालियर की ख्याति पूरे विश्व में होगी। – प्रो. साहित्य कुमार नाहर, कुलपति, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विवि, ग्वालियर

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