
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 28 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद से ही नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा फरार है। पुलिस उसके मैनपुरी स्थित आश्रम के बाहर मौजूद है। इस बीच एक और मामले का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि बाबा के ऊपर यौन शोषण समेत 5 गंभीर आरोप दर्ज हैं। वह जेल भी जा चुका है, बाहर आने के बाद उसने अपना नाम और पहचान बदल ली थी। जानें हाथरस वाले बाबा की कुंडली…
कौन है भोले बाबा, जेल से लौटा तो नाम बदला
भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। बाताया जाता है कि वह एटा जिले की पटयाली तहसील के गांव बहादुर नगरी के रहने वाले हैं। पढ़ाई के बाद UP पुलिस में नौकरी लग गई। UP के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में सूरज पाल की तैनाती रही। नौकरी के दौरान उसके खिलाफ यौन शोषण का मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया। जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और प्रवचन देना शुरू किया। बाबा ने ‘सत्संग’ (धार्मिक उपदेश) करना शुरू कर दिया तो लोग उसे भोले बाबा कहने लगे। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। सत्संग में बाबा की पत्नी भी साथ रहती हैं। बहादुर नगर में आश्रम स्थापित करने के बाद भोले बाबा की प्रसिद्धि गरीबों और वंचित वर्गों के बीच तेजी से बढ़ी और लाखों लोग अनुयायी बन गए।
सूट-बूट में रहने वाले साकार हरि बाबा के तीन राज्यों में हैं अनुयायी
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को साकार हरि बाबा के सत्संग के दौरान हादसा हो गया। वहां बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी मौजूद थे। हादसे के बाद अब बाबा साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के बारे में हर कोई जानना चाहता है। दरअसल, साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है। कासगंज के पटयाली निवासी साकार हरि की लोकप्रियता गरीब और वंचित वर्ग के लोगों के बहुत अधिक थी। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी बड़ी संख्या में उनके अनुयायी फैले हुए थे।
सत्संग में ज्यादातर देते हैं मानव सेवा का संदेश
साकार हरि बाबा अपने सत्संगों में ज्यादातर मानव सेवा का संदेश देते हैं। इन सत्संगों में बाबा अपने अनुयायियों से कहते हैं कि मानव की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। वे कहते हैं कि यहां पर कोई भेदभाव नहीं, कोई दान नहीं, कोई पाखंड नहीं, यही सर्व समभाव है, यहीं ब्रह्मलोक है और यहीं स्वर्ग लोक है।
वर्दीधारी स्वयंसेवक, शिष्यों में गरीब लोग ज्यादा
कुछ लोगों का कहना है कि बाबा यूपी पुलिस में दरोगा थे तो कोई उन्हें आईबी से जुड़ा बताते हैं इसीलिए वे पुलिस के तौर-तरीकों से परिचित हैं। उनके पास वर्दीधारी स्वयंसेवकों की लंबी-चौड़ी फौज है। खास बात यह है कि साकार हरि बाबा आम संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं बल्कि पेंट शर्ट, सूट पेंट और कुर्ता पायजामा पहनते हैं। वे अक्सर महंगे गॉगल भी पहनते हैं। अपने प्रवचनों में बाबा पाखंड का विरोध भी करते हैं। चूंकि बाबा के शिष्यों में गरीब, दलित, दबे-कुचले लोग शामिल हैं। उन्हें बाबा का पहनावा और यह रूप बड़ा लुभाता है।
चरणों की धूल लेने टूटी भीड़ और भगदड़ मची
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। भगदड़ मचने की असल वजह बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए लोग टूट पड़े थे। भोले बाबा जब निकले, तो चरण रज लेने के लिए महिलाएं टूट पड़ीं। भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार कर दी। बचने के लिए भीड़ इधर-उधर भागने लगी और भगदड़ मच गई। लोग फिसले और जमीन पर गिरे, फिर एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए।
आर्थिक सहायता की घोषणा
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
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