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‘हिंदू भोजन’ और ‘मुस्लिम भोजन’ लेबल पर मचा बवाल, विस्तारा एयरलाइंस पर खाने को सांप्रदायिक बनाने का आरोप, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। विस्तारा एयरलाइंस (Vistara Airlines) पर खाने को लेकर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगा है। दरअसल, एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिससे सोशल मीडिया पर बवाल हो गया है। जिसमें शाकाहारी भोजन को “हिंदू भोजन” और चिकन फूड को “मुस्लिम भोजन” के रूप में लेबल करने का आरोप लगाया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, पत्रकार आरती टिक्कू सिंह ने लिखा कि “आपको किसने बताया कि सभी हिंदू शाकाहारी हैं और सभी मुस्लिम मांसाहारी? आप लोगों पर ये क्यों थोप रहे हैं? आपको किसने ये अधिकार दिया। क्या अब आप फ्लाइट में सब्जियों, चिकन और यात्रियों को लेकर भी सांप्रदायिकता करेंगे? मैं इस व्यवहार से हैरान हूं। इसलिए मैंने आपके आदेश का उल्लंघन करने के लिए दोनों भोजन को बुक किया।”


पत्रकार ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और भारत सरकार से इस मामले में दखल देने और एक्शन लेने की मांग की। इस दौरान टिक्कू ने श्रीनगर से जम्मू तक की अपनी टिकट का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें दिख रहा है कि उन्होंने छोटी अवधि की उड़ान के लिए एक “हिंदू भोजन” और एक “मुस्लिम भोजन” बुक किया था।

लोगों की आई सामने प्रतिक्रिया

भोजन को धर्म से जोड़ने का विचार कई लोगों को पसंद नहीं आया और उन्होंने इसका विरोध किया। लोगों का मानना है कि भोजन एक सामाजिक और सांस्कृतिक चीज है, जिसे धर्म से जोड़ना उचित नहीं है। कई यूजर्स ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और सवाल किया कि क्या अब हमारा भोजन भी धर्म के आधार पर तय होगा? यूजर्स ने डीजीसीए को टैग कर तुरंत इस मामले में दखल देने और भोजन को हिंदू या मुस्लिम बताने की प्रैक्टिस को बंद करने की मांग की।

विशेषज्ञों ने दिया स्पष्टीकरण

सोशल मीडिया पर जहां भोजन को सांप्रदायिक बनाने के आरोप लग रहे थे, वहीं कुछ विशेषज्ञों ने इसका बचाव भी किया और कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है और बीते 30 वर्षों से बड़ी एयरलाइंस ऐसा करती आ रही हैं। एवियालाज के सीईओ संजय लजार ने पत्रकार के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ये एयरलाइंस के भोजन के कोड हैं और लगभग सभी बड़ी एयरलाइंस में इनका इस्तेमाल किया जाता है।

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