
अनुज मीणा- दोस्ती-यारी के किस्से हर किसी की जिंदगी में खास होते हैं। अक्सर दोस्त स्कूल या कॉलेज में मिलते हैं लेकिन कई बार दोस्त अपनी कॉमन हॉबीज की वजह से भी मिल जाते हैं। शक्ल से एक-दूसरे को पहले से जानते हुए उस मुलाकात को दोस्ती में तब्दील होने में कुछ वक्त लग जाता है लेकिन सच्ची दोस्ती काम वाली दोस्ती भी बन जाती है, जिसमें दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा करके अपने सीक्रेट्स और टैलेंट को साझा कर लेते हैं। शहर में कुछ ऐसे ही दोस्तों की जोड़ियां हैं, जो एक साथ स्टैंड-अप कॉमेडी शो से लेकर फूड रिव्यू तक करती हैं और इनके वीडियोज खूब देखे जाते हैं।
स्टैंड-अप कॉमेडी ने बनाया जिगरी दोस्त
मैं और तरुण करीब 4 साल पहले स्टैंड-अप कॉमेडी के जरिए मिले। हम दोनों अपना दुखड़ा रोने के लिए हर दो माह में सड़क किनारे लगी बैंच पर बैठकर रोना दिवस मनाते हैं और अपनी साथ हुई घटनाएं सुनाते हैं। तरुण के शो के लिए मैं उसका मैनेजर बनकर बात करता हूं, क्योंकि वह संकोची स्वभाव का है। हम एकदूसरे के बहुत बड़े क्रिटिक्ट भी हैं, जब भी हम कोई नई कॉमेडी लाइनें लिखते हैं सबसे पहले एक-दूसरे को सुनाते हैं क्योंकि अगर हम एक-दूसरे की लाइनों पर हंसते हैं तो दूसरे भी हंसेंगे ये कंफर्म होता है। – सुमित मिश्रा, स्टैंडअप कॉमेडियन
खाने के शौक से हुई दोस्ती
हम दोनों अंश में इंटर्शनिप के दौरान मिले थे, तो एक-दूसरे से सामान्य परिचय हुआ था और फिर राहें जुदा हो गईं, लेकिन एक साल बाद हम दोनों स्टार्ट-अप मीट में फिर वापस से मिले तो बातचीत होने लगी। हम दोनों को ही खाने- पीने की चर्चा चटखारे मारते हुए वीडियोज में बनाना पसंद हैं। दुखी भी हुए तो खाने की बातें हमारे मन को हल्का करती हैं। -आशी मालवीय, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर
दोस्त की मदद दिल छू गई
2018 में स्कूल में मेरी और नीरज की दोस्ती हुई थी। हमने 2020 में करीब 5 मिनट की वीडियो बनाकर यू- ट्यूब पर डाला तो उस पर अच्छे व्यूज आए। हमारा कंटेंट फैमिली के साथ बैठकर देखने लायक होता है। एक बार बरसात में मैं मुसीबत में फंसा तो नीरज भरी बरसात में 5 किमी दूर मेरी मदद के लिए आया था। उसकी यह बात मेरे दिल को छू गई। – संतोष कीर, यू-ट्यूबर