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इंदौर : PAK विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के भारत दौरे का विरोध, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर लगाए “नो एंट्री इन इंडिया” के पोस्टर

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के भारत दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर की दीवारों और सड़कों पर बिलावल भुट्टो जरदारी “नो एंट्री इन इंडिया” के पोस्टर लगाए हैं। दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री 4 और 5 मई को गोवा में होने वाली विदेश मंत्रियों की SCO समिट में शामिल होने भारत आ रहे हैं। 2014 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भारत दौरे के बाद पहली बार कोई पाकिस्तानी मंत्री भारत आएगा।

पोस्टर पर लिखा है- ‘नो एंट्री इन इंडिया बिलावल भुट्टो जरदारी विदेश मंत्री पाकिस्तान, भारत के दुश्मन का भारत में प्रवेश निषेध है।’

इस फैसले से देश की 140 करोड़ जनता आहत है : कांग्रेस कार्यकर्ता

कांग्रेस कार्यकर्ता विवेक खंडेलवाल का कहना है कि, हमारा विरोध इस बात को लेकर है कि 4 और 5 मई को गोवा में होने वाली SCO बैठक होने जा रही है। पाकिस्तान जैसा देश, जिसकी वजह से पुलवामा और उरी अटैक सहित तमाम आतंकी घटनाओं को पाकिस्तान ने अंजाम दिया है। इस बावजूद भारत सरकार उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं इस बैठक में। इससे देश की 140 करोड़ जनता आहत है। वो सैनिक परिवार जिन्होंने अपना बेटा, किसी ने अपना भाई और किसी ने अपना पति खोया वह सारे परिवार आज दुखी हैं। SCO की बैठक में पाकिस्तान जैसे नापाक देश का विदेश मंत्री भारत की पावन धरती पर पैर रख रहा है। इसी बात का विरोध हम कर रहे हैं।

12 साल बाद भारत आएंगे पाक विदेश मंत्री

लगभग 12 वर्षों में इस तरह की यह पहली यात्रा होगी। हिना रब्बानी खार भारत आने वाली अंतिम पाकिस्तानी विदेश मंत्री थीं, जो जुलाई 2011 में भारत आईं थीं। वहीं अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो 4 मई 2023 को भारत आएंगे। बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के सबसे युवा मंत्रियों में से एक हैं, उनकी उम्र 34 साल है। 27 अप्रैल 2022 को बिलावल मुल्क के 37वें विदेश मंत्री नियुक्त किए गए। वो ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी’ के सदस्य हैं।

भारत कर रहा SCO बैठक की अध्यक्षता

  • वर्तमान में SCO बैठक की अध्यक्षता भारत कर रहा है।
  • SCO के अध्यक्ष के रूप में, भारत कई कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जिसमें सदस्य राज्यों के मुख्य न्यायाधीशों का एक सम्मेलन, विदेश मंत्रियों की बैठक और 2023 में एक शिखर सम्मेलन शामिल हैं।
  • SCO एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं।
  • शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) का गठन 2001 में हुआ था। शुरुआत में SCO में छह सदस्य- रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान थे।
  • 2017 में भारत और पाकिस्तान के भी इससे जुड़ने से इसके स्थाई सदस्यों की संख्या 8 हो गई।
  • 6 देश- आर्मीनिया, कंबोडिया, नेपाल, अजरबैजान, श्रीलंका और टर्की SCO के डायलॉग पार्टनर हैं।
  • 4 देश- अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया इसके ऑब्जर्वर सदस्य हैं।
  • एससीओ में चीन और रूस के बाद भारत सबसे बड़ा देश है।
  • SCO भारत के लिए एक ऐसा मंच है। जहां वो क्षेत्रीय मुद्दों पर चीन और पाकिस्तान के साथ रचनात्मक चर्चा में शामिल हो सकता है और अपने सुरक्षा हितों को उनके समक्ष रख सकता है।

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