
भोपाल। विधानसभा सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान अवैध खनन को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा, लेकिन इसमें सत्ता पक्ष के विधायक भी शामिल हो गए। अवैध उत्खनन और परिवहन की बात सबसे पहले कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने उठाई। उन्होंने कहा प्रशासन और शासन स्तर पर कई बार शिकायतें हुईं, लेकिन कार्रवाई केवल पनडुब्बी पकड़ने या ट्रेक्टर ट्रॉली थाने में रखवाने तक ही सीमित रही। उन्होंने कहा कि कई जगह की सड़कें महज इसलिए खराब हो गईं कि रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। इस चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक दिनेश राय ने सदन में कहा कि खनिज ठेकेदार हमारे खिलाफ एफआईआर करवा रहे हैं। निरीक्षण करने जाते हैं तो वह हमें खरीदने की बात करते हैं, कहते हैं 1 करोड़, 5 करोड़ दे देंगे।
स्पीकर बोले – पक्ष विपक्ष चिंतित, फिर हल क्यों नहीं निकला
बीजेपी विधायक के इस बयान पर स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अवैध खनन को लेकर जब पक्ष और विपक्ष दोनों ही चिंतित और गंभीर हैं, फिर भी हल क्यों नहीं निकल रहा। इस पर जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भरोसा दिया कि प्रदेश में अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई करेंगे, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। अवैध उत्खनन को लेकर सदन में कई बार व्यवधान पैदा हुआ।
अवैध खनन रोकने लगेंगे 40 इलेक्ट्रॉनिक बैरियर
सरकार की ओर से जवाब देते हुए राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया ग्वालियर जिले में लगभग 45 शिकायतें आईं हैं। इनमें से 28 शिकायतों पर प्रकरण दर्ज किए गए। उन्होंने कहा अवैध उत्खनन रोकने के लिए 40 इलेक्ट्रॉनिक बैरियर लगाए जाएंगे। इस दौरान विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने दावा किया कि ठेकेदार नीलाम हुई रेत खदानों से हटकर अवैध रूप से रेत उठा रहे हैं। बदनावर के कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने सदन में कहा कि रेत माफिया, खनन माफिया लगातार इस प्रदेश के अंदर अवैध खनन में लिप्त हैं और अधिकारी रोकने गए तो उनकी बुलडोजर, जेसीबी और जीपों के नीचे दबाकर हत्या कर दी गई।
नोंक-झोंक के बीच पारित हुआ 28675 करोड़ का अनुपूरक बजट
सदन में 28 हजार 265 करोड़ रुपए के द्वितीय अनुपूरक बजट पर सदन में पक्ष-विपक्ष के 18 सदस्यों ने भाग लिया। डिप्टी सीएम और प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आयुष्मान और किसान सम्मान जैसी योजनाएं सबके लिए हैं। उन्होंने विपक्ष के क्षेत्र विशेष को ज्यादा राशि देने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दुग्ध योजना, पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, गंभीर बीमारी में एयर एंबुलेंस सेवा, मुख्यमंत्री हेली पर्यटन, पीएम जनमन योजना, आंगनबाड़ी और छात्रावास के लिए इस अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में से 64 फीसदी राशि खर्च हो चुकी है। विधानसभा में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के जवाब के बाद द्वितीय अनुपूरक बजट पारित हो गया। इस दौरान पक्ष विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई। अनुपूरक बजट के औचित्य पर सवालों पर देवड़ा ने सदन में माना कि अभी सालाना बजट का 36 फीसदी बजट खर्च होना बाकी है।
बाला बच्चन और कटारे ने मांगा 36 फीसदी बची राशि का ब्यौरा
कांग्रेस के बाला बच्चन और हेमंत कटारे ने बची हुई बजट राशि का आंकड़ा बताने पर जोर देते हुए कहा कि जब मुख्य बजट की बड़ी राशि बची हुई है, तो अनुपूरक की जरूरत क्यों? इस दौरान कांग्रेस विधायक कटारे ने आरोप लगाया कि सरकार मूल प्रश्नों के जवाब नहीं देती। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट देखकर लग रहा है यह केवल मालवा के लिए है। कटारे ने दावा किया कि उनकी जानकारी के मुताबिक अभी मुख्य बजट की ही 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च नहीं हो पाई है। उन्होंने सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल ही 35 हजार 500 करोड़ रुपए लेप्स हो गए। इस दौरान कांग्रेस के बाला बच्चन भी कटारे के साथ मिलकर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से बची हुई 36 फीसदी राशि का आंकड़ा बताने की मांग करने लगे। उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने में यह राशि कैसे और कहां खर्च होगी? इस चर्चा में कांग्रेस के ही भैरोंसिंह बापू, कैलाश कुशवाह, सोहन वाल्मीकि और बीजेपी के दिलीप सिंह परमार एवं पन्ना लाल शाक्य ने भी भाग लिया।