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असम : ईसाई स्कूलों से धार्मिक प्रतीकों को हटाने का अल्टीमेटम

अल्पज्ञात हिंदू संगठन ने जारी किया फरमान

गुवाहाटी। असम में कुटुम्बा सुरक्षा परिषद नामक एक अल्पज्ञात हिंदू संगठन ने ईसाई स्कूलों को अगले 15 दिनों में अपने स्कूल परिसरों से सभी ईसाई प्रतीकों को हटाने की धमकी दी है। इस संगठन ने 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए ईसाई मिशनरी स्कूलों में पुजारियों, ननों और ब्रदर्स की ओर से अपने परिसरों में अपनाई जाने वाली धार्मिक आदतों को बंद करने के लिए कहा है। इस हिंदू संगठन के अध्यक्ष सत्य रंजन बोरा ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ईसाई मिशनरी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को धार्मिक संस्थानों में बदल रहे हैं, हम इसकी इजाजत नहीं देंगे।

परिषद ने यीशु और मैरी की मूर्तियों और तस्वीरों के साथ-साथ स्कूल परिसरों में स्थित चर्चों को भी हटाने की बात कही है। इसके साथ ही संगठन ने कहा है कि ईसाई स्कूलों ने ये मांग पूरी नहीं की तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। गुवाहाटी के आर्चबिशप जॉन मूलचिरा ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया हैं। असम क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष जॉन मूलचिरा ने एक लिखित बयान में कहा, हम शैक्षणिक संस्थानों को मिल रही धमकियों और कुछ सीमांत तत्वों की ओर से ईसाई प्रतीकों को हटाने की मांग से भी परेशान हैं। हम राज्य के अधिकारियों से इन तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं जो हमारे सभ्य समाज के लिए खतरा हैं और भारत के संविधान से हमें दिए गए अधिकारों के खिलाफ है।

असम के दूरदराज के इलाकों में ईसाई कई दशकों से शिक्षा प्रदान करने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। आर्चबिशप ने कहा कि ऐसी खुली धमकियों से निपटने के लिए कानूनी मदद ली जाएगी। इसके अलावा कुछ ईसाई संगठन इस धमकी के खिलाफ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार असम की 3 करोड़ 12 लाख आबादी में 3.74 फीसदी ईसाई हैं।

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