भोपाल। मध्य प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए उपचुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। मोहन सरकार के वन मंत्री रामनिवास रावत को मिली हार ने सत्ता समीकरणों और राजनीतिक गणित पर बड़ा प्रभाव डाला है। साथ ही नए विधायक को सरकार में मौका मिलने की उम्मीद है। कई वरिष्ठ विधायक दावेदारों की कतार में नजर आने लगे हैं। आइए जानते हैं कि इस पर बीजेपी और कांग्रेस का क्या कहना है?
बता दें कि राज्य में अभी हाल ही में दो विधानसभा क्षेत्र विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव हुए हैं। विजयपुर में वन मंत्री रामनिवास रावत को शिकस्त मिली है। उन्होंने इस हार के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। वहीं बुधनी में भाजपा के रमाकांत भार्गव को मामूली अंतराल से जीत मिली।
बीजेपी ने कहा – मंत्री पद का फैसला सीएम करेंगे
चर्चा है कि मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और नए विधायकों मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता शिवम शुक्ला का कहना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार और मंत्री किसे बनाना है या किसे नहीं… ये विशेष अधिकार मुख्यमंत्री के हाथ में होता है। वे पार्टी के संगठन और केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श लेते हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव अभी विदेश में है। उनके आने के बाद ही वन मंत्री रावत के इस्तीफे पर फैसला होगा। वहीं उन्होंने कहा कि विजयपुर में परिणाम हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा, लेकिन हार का मार्जिन काफी कम रहा है।
कांग्रेस ने लगाया ठगने का आरोप
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने भाजपा पर ठगने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जनता को ठगने का परिणाम विजयपुर और बुधनी के उपचुनाव में देखने को मिला, क्योंकि जनता अब बीजेपी सरकार के मंत्री और नेताओं को जान चुकी है। इसलिए जनता अब उन्हें जवाब दे रही है।
फॉरेस्ट विभाग के इर्द-गिर्द घूम रहा मामला : पुष्पेंद्र सिंह
मध्य प्रदेश के वन मंत्री की हार के बाद बन रहे नए समीकरण को लेकर पीपुल्स समाचार के ब्यूरो चीफ एवं वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र सिंह का कहना है कि ये पूरा मामला फॉरेस्ट विभाग के इर्द-गिर्द घूम रहा है। नागर सिंह चौहान इसके लिए प्रयासरत हैं और वो फिर से अपना पक्ष रख सकते हैं। क्योंकि ये विभाग उनसे ही लिया गया था, इसका उन्होंने विरोध भी किया था। वहीं दूसरा दावेदार अमरवाड़ा से विधायक कमलेश शाह है। बीजेपी उन्हें मौका दे सकती है। पुष्पेंद्र सिंह का मानना है कि फॉरेस्ट में सबसे ज्यादा रुचि विजय शाह की रहती है। वे कई बार फॉरेस्ट डिपार्टमेंट देख चुके हैं। इसके लिए वे दिल्ली भी हो आए हैं। बीजेपी अभी रामनिवास रावत को साइड में नहीं करेंगी। वन विकास निगम का अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। इसके अलावा अन्य निगम मंडल में भी एडजस्ट किया जा सकता है।
भाग्य से कोई नहीं लड़ सकता : रावत
बात दें कि उपचुनाव में मिली हार के बाद बुधवार (27 नवंबर) को रामनिवास रावत ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने हार को लेकर कहा- समय और भाग्य से कोई नहीं लड़ सकता है। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है, चुनाव में सबने मेरी मदद की। बीजेपी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे निभाएंगे। साथ ही विदेश दौरे से लौटने के बाद सीएम से भी मुलाकात करेंगे।
मोहन कैबिनेट में बचे 31 मंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की टीम में अब 31 मंत्री बचे हैं। विजयपुर में मिली हार के बाद रामनिवास रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। हार से पहले मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री समेत 32 मंत्री थे। प्रदेश की विधानसभा में 230 विधायक हैं और तय नियम के अनुसार राज्य में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। इस तरह अब तक दो पद ही रिक्त थे और अब रावत के चुनाव हारने के बाद 3 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
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