
ग्वालियर। शहर की इशिका चौधरी ने अपने डेडिकेशन और कड़ी मेहनत से एशियन गेम्स की भारतीय हॉकी टीम में जगह बना ली है। इशिका ग्वालियर से चयनित पहली ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जो एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। 23 वर्षीय इशिका की इस मेहनत और लगन के पीछे उसके माता पिता का सपोर्ट भी है। इशिका के चयन पर परिजनों ने खुशी व्यक्त की है।
इशिका के कोच परमजीत सिंह ने बताया कि वह जब 11-12 साल की थी, तब अकादमी में आई थी। उसके अंदर गजब की फूर्ति थी। आज भी उसका खेल चौंकाने वाला है। उन्होंने बताया कि जूनियर नेशनल 2017, भोपाल में हमारी टीम हरियाणा के खिलाफ खेल रही थी। मिडफील्ड में इशिका के खेल से हरियाणा की टीम परेशान हो गई थी। इससे खीजते हुए हरियाणा की एक खिलाड़ी ने इशिका के चेहरे पर स्टिक मार दी थी, जिसमें उसके 3-4 दांत टूट गए थे। लेकिन, इशिका ने हिम्मत नहीं हारीं और 15 दिन के अंदर ही मैदान पर पहुंच गई। कोच ने कहा कि एशियन गेम्स के लिए चयन होने से पेरिस ओलिंपिक की टीम का रास्ता बन सकता है।
महादेव पर पूरा भरोसा था : इशिका की मां
इशिका की मां गायत्री चौधरी ने बताया कि उन्हें अचलेश्वर महादेव पर पूरा भरोसा है। इशिका की मां आईटीएम ग्लोबल सिथौली में बतौर टीचर कार्यरत हैं। पिता राजीव चौधरी भिंड के अटेर में शिक्षक हैं। गायत्री कहती हैं कि बचपन से ही उसमें काफी लगन थी। जब से हॉकी हाथ में ली, पीछे मुड़कर नहीं देखा। इशिका की बचपन से तमन्ना रही है कि वह ओलिंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करें और स्वर्ण पदक जीते।
यूथ ओलिंपिक का रजत जीत चुकीं है इशिका
- महिला जूनियर विश्व कप-2021, दक्षिण अफ्रीका, 4थी पोजीशन
- थर्ड यूथ ओलिंपिक गेम्स-2018, ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना, रजत पदक
- वर्ष 2017 में आयोजित जूनियर नेशनल चैंपियनशिप, भोपाल में स्वर्ण पदक जीत चुकीं है।
(इनपुट-लाजपत अग्रवाल)