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प्रिंस से किंग बने ‘चार्ल्स’, कैमिला के सिर सजा ‘रानी’ का ताज; तीन दिनों तक चलेगा शाही उत्सव

लंदन। ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला की शनिवार को वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च में ताजपोशी हो गई है। चार्ल्स तृतीय पहले ही औपचारिक तौर पर किंग घोषित किए जा चुके हैं। 74 वर्षीय किंग चार्ल्स तृतीय एक धार्मिक और रीति-रिवाजों से भरी प्रक्रिया के तहत सम्राट घोषित किए गए। ब्रिटिश शाही परिवार में 70 साल बाद ताजपोशी हुई है। इससे पहले 1953 में क्वीन एलिजाबेथ की ताजपोशी हुई थी, तब चार्ल्स की उम्र 4 साल थी।

2000 मेहमान हुए शामिल

दुनियाभर से करीब दो हजार मेहमान किंग चार्ल्स की ताजपोशी में शामिल हुए। इनमें कई वैश्विक नेता और शाही परिवार के सदस्य और विभिन्न सेलिब्रिटी शामिल मौजूद रहे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भारत की तरफ से किंग चार्ल्स की ताजपोशी में शामिल हुए। समारोह में भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति फ्लैग बियरर्स के काफिले को लीड किया।

700 साल पुरानी कुर्सी, 12वीं सदी का चम्मच और पवित्र तेल

ताजपोशी के दौरान किंग चार्ल्स को 700 साल पुरानी सेंट एडवर्ड कुर्सी पर बैठाया गया। इस पर 86 वर्ष पहले उनके नाना जॉर्ज-षष्टम ताजपोशी के समय बैठे थे, उनके अभिषेक के लिए 12वीं सदी के सोने के चम्मच और पवित्र तेल का इस्तेमाल किया गया। शाही परंपरा के अनुसार ताजपोशी के समय कई स्टेप होते हैं। राज्याभिषेक के दौरान महाराजा चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला अलग-अलग क्षणों में ‘सेंट एडवर्ड्स चेयर’, ‘चेयर्स ऑफ स्टेट’ और ‘थ्रोन चेयर्स’ पर बैठे।

क्वीन एलिजाबेथ ने 70 साल तक किया शासन

क्वीन एलिजाबेथ का 21 अप्रैल 1926 को जन्म हुआ था। उस वक्त ब्रिटेन में किंग जॉर्ज पंचम का राज था। एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज छह भी बाद में ब्रिटेन के राजा बने थे। क्वीन एलिजाबेथ का पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर था। वे सबसे लंबे समय तक (70 साल) ब्रिटेन की क्वीन रहीं। उनके शासनकाल में ब्रिटेन को 15 प्रधानमंत्री मिले। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद अब उनके बेटे चार्ल्स (उम्र 74 साल) ब्रिटेन के नए राजा बनाए गए हैं। एलिजाबेथ II सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं बल्कि 14 और देशों की रानी रहीं।

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