
डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। वहीं उत्तर प्रदेश में भी मेकर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। उनपर अपनी डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर से धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। सोशल मीडिया पर यूजर्स मेकर्स पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
यूपी में एफआईआर
यूपी पुलिस ने फिल्म ‘काली’ की निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शांति भंग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।
दिल्ली में भी मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस की IFSO इकाई ने काली फिल्म के पोस्टर के संबंध में IPC की धारा 153A और 295A के तहत मामला दर्ज किया है।
लीना ने ट्वीट कर कहा- मैं डरती नहीं हूं…
मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, “मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज बनकर रहना चाहती हूं जो निडर होकर बोलती रहे। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है।” जब इस पर विवाद बढ़ने लगा तक लीना ने तमिल में पोस्ट शेयर कर लिखा, “इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक शाम काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर घूमने लगती हैं। यदि आप इस फिल्म को देखेंगे तो आप मेरी गिरफ्तारी की मांग करने की बजाए मुझसे प्यार करने लगोगे।”
पोस्टर देख क्यों भड़के लोग
डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर में मां काली बनी एक्ट्रेस को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। पोस्टर में मां काली के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में LGBTQ का झंडा दिखाया गया है, जिससे विवाद और ज्यादा बढ़ गया।