
केंद्रीय ट्रेड संघों ने 28 और 29 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है। यह बंद केंद्र सरकार की उन नीतियों के खिलाफ है, जिसका सीधा असर कर्मचारियों, किसानों एवं आम लोगों पर पड़ रहा है। बैंकिंग, रोडवेज, बीमा और वित्तीय क्षेत्र के कर्मचारी भी इस बंद में भाग ले रहे हैं।
आंध्र प्रदेश ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
आंध्र प्रदेश में विभिन्न ट्रेड यूनियनों और वामपंथी संगठनों के सदस्यों ने सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण सहित केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विजयवाड़ा में प्रदर्शन किया।
बंगाल में रोकी ट्रेन
पश्चिम बंगाल में बंद का असर साफ दिख रहा है। यहां वाम मोर्चे के सदस्य कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में इकट्ठा हुए और रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया।
चेन्नई में सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट ठप्प
चेन्नई में भी बंद का असर दिखने लगा है। यहां प्रदर्शनकारियों ने कुछ जगह सार्वजनिकों वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
बंगाल में बंद का विरोध
बंगाल की ममता सरकार ने इस भारत बंद का विरोध किया है। सरकार ने 28 और 29 मार्च को किसी भी कर्मचारी को कोई आकस्मिक अवकाश या आधे दिन की छुट्टी देने से साफ मना किया है। ऐसे में यदि कोई कर्मचारी छुट्टी लेता है, तो इसे आदेश का उल्लंघन माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
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भारत बंद के क्या हैं उद्देश्य
12 सूत्री मांग पत्र के लिए मजदूर और किसान कई सालों से संघर्ष करते रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए जाने के कारण इस बंद को बुलाया गया है।
1.चार श्रम कानूनों और जरूरी रक्षा सेवा अधिनियम (EDSA) को रद्द किया जाए।
2. संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों वाले 6 सूत्री घोषणापत्र को स्वीकार किया जाये।
3. सभी तरह के निजीकरण को खत्म किया जाए।
4. जो परिवार आयकर भुगतान के दायरे के बाहर हैं उन्हें प्रति माह 7,500 रुपए की आय सहायता प्रदान की जाए।
5. मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाएं जाए।
6. सभी अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाए।
7. आंगनवाड़ी, आशा, मिड-डे मील और दूसरी योजना में लगे कार्यकर्ताओं के लिए वैधानिक न्यूनतम पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाए।
भारतीय मजदूर संघ बंद में नहीं होगा शामिल
भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि वे हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। मजदूर संघ के मुताबिक इस बंद का मकसद कुछ राजनीतिक दलों के एजेंडे को आगे बढ़ाना है।
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एसबीआई ने दिया बयान
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि हड़ताल के चलते बैंकिंग सर्विस पर असर पड़ सकता है। हालांकि बैंक ने यह भी कहा है कि हड़ताल के दौरान कामकाज को निपटाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि बैंक के कामकाज पर सीमित असर पड़ सकता है।
इन क्षेत्रों को हड़ताल में शामिल होने की अपील
इस भारत बंद में टेलिकॉम, कोयला, इस्पात, तेल, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी।
महाराष्ट्र में MESMA लागू
भारत बंद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को ही महाराष्ट्र आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (MESMA) लागू कर दिया है। ताकि सरकारी कर्मचारी भारत बंद में शामिल न हो सकें। जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में महाराष्ट्र में बिजली की खपत पहले ही बढ़ गई है और राज्य में कोयले की कमी भी है। ऐसे में अगर बिजली कर्मचारी हड़ताल करते हैं, तो किसानों, उद्योगों और आम लोगों को असुविधा होगी।
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क्यों बुलाया गया बंद?
यूनियन के मुताबिक, केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार कर्मचारी लोगों को निशाना बना रही है। सरकार ने हाल ही में पीएफ पर मिलने वाले ब्याज में 8.5% से 8.1% कटौती की है। इसके अलावा ईंधन यानी पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें बढ़ रही हैं। बैंक कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ बंद में शामिल हुए हैं।