
देशभर में केंद्र सरकार ने 1 जुलाई यानी आज से सिंगल-यूज प्लास्टिक बैन कर दिया है। इसके तहत प्लास्टिक से बनी कई चीजें मिलनी बंद हो जाएंगी। इसमें रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें भी शामिल हैं। बैन किए गए प्रोडक्ट को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट धारा 15 के तहत 7 साल की जेल और 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक लिस्ट भी जारी की है, जिनपर रोक लगाई गई है।
सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब
सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिसका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर इस्तेमाल कर फेंक देते हैं और जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों जरूरी?
सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डी-कंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है। देश में प्रदूषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है। केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था।
सिंगल यूज प्लास्टिक की इन चीजों पर लगा बैन
1. प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले)
2. प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स
3. गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक
4. प्लास्टिक के झंडे
5. कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक
6. थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन)
7. प्लास्टिक की प्लेट
8. प्लास्टिक के कप
9. प्लास्टिक के गिलास
10. कांटे
11. चम्मच
12. चाकू
13. स्ट्रॉ
14. ट्रे
15. मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म
16. इन्विटेशन कार्ड
17. सिगरेट के पैकेट
18. 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
19. स्टिरर (चीनी आदि मिलाने वाली चीज)
भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक
- सालाना 2.4 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है।
- भारत में18 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है।
- वैश्विक स्तर पर 28 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है।
- 60 हजार करोड़ रुपए का है प्लास्टिक उद्योग।
- इसके निर्माण में 88 हजार इकाइयां लगी हैं।
- प्लास्टिक उद्योग से 10 लाख लोग जुड़े हैं।
- सालाना एक्सपोर्ट 25 हजार करोड़ रुपए।
विश्व में सिंगल यूज प्लास्टिक
- 1950 से शुरू हुआ उत्पादन
- सालाना 380 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन
- 1 साल में उत्पादित प्लास्टिक की मात्रा मानवता के पूरे भार के बराबर
- धरती पर 12 लाख प्लास्टिक की बोतल प्रति मिनट होता है उपयोग
- सालान 5 ट्रिलियन प्लास्टिक बैग का उत्पादन
- पृथ्वी से प्लास्टिक को खत्म होने में लगेंगे 1000 साल
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प?
सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने पर अलग-अलग चीजों के लिए अलग-अलग विकल्प हो सकते हैं। जैसे- प्लास्टिक के स्ट्रा की जगह पेपर स्ट्रा। इसी तरह बांस से बनी ईयर बड्स स्टिक, कागज और कपड़े से बने झंडे, बांस से बनी आइसक्रीम स्टिक, परंपरागत मिट्टी के बर्तन आदि का इस्तेमाल सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह ले सकता है।
500 से दो हजार रुपए का जुर्माना होगा
- मंत्रालय की तरफ से साफ बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक अगर कोई इस्तेमाल करता पाया गया तो उसको दंड मिलेगा। इसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल हैं।
- एक जुलाई से आम लोगों पर प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा।
- सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) के सेक्शन 15 के तहत एक्शन होगा।
- औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर 20 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ये भी पढ़ें- LPG Cylinder Price: सस्ता हुआ कमर्शियल LPG सिलेंडर, 198 रुपए तक घटे दाम; जानिए नए रेट