
पन्ना। हीरा खदान के लिए देश और दुनिया में प्रसिद्ध एमपी के पन्ना में एक मजदूर की किस्मत उस समय चमक गई, जब उसके हाथ एक बेशकीमती हीरा लगा। राजू गौंड नाम के इस मजदूर ने पन्ना के हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर लगभग दो महीने पहले हीरे की खदान लगाई थी। राजू मूल रूप से मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता था, इसके अलावा बारिश के दौरान मजदूरी न मिलने पर वह हीरे की खदान भी लगाया करता था। वह पिछले 10 सालों से हीरे की खदान लगाता आ रहा है।
एक करोड़ का हीरा मिला, बदलेगी तकदीर
राजू को पिछले 10 साल से हीरा खदान का पट्टा लेने के बाद भी अब तक एक भी हीरा नहीं मिला था। ऐसे में उसके परिजन भी यही कहते थे कि हीरा खदान के लिए लगने वाली मामूली फीस भी बेकार जा रही है। हालांकि राजू को ये उम्मीद थी कि उसकी किस्मत चमकेगी। आखिरकार राजू का विश्वास अब सच हो गया है, क्योंकि उसे मिले हीरे की कीमत एक करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
19.77 कैरेट का हीरा, नीलामी के बाद होगा मालामाल
पन्ना के कलेक्टर सुरेश कुमार ने मजदूर को हीरा मिलने पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे राजू का परिवार खुशहाल होगा। पन्ना के ग्राम अहिरगुंवा के इस गरीब आदिवासी परिवार को उथली हीरा खदान में 19.22 कैरेट का हीरा मिला है। यह हीरा राजू ने पन्ना के हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है। यह इस साल जिले की हीरा खदानों से मिला अब तक का सबसे बड़ा हीरा है, जो आगामी नीलामी में आकर्षण का केंद्र रहेगा। डायमंड में सबसे उन्नत जेम क्वालिटी माने जाने वाले इस हीरे की अनुमानित कीमत फिलहाल एक करोड़ रुपए आंकी जा रही है। हालांकि इसकी असली कीमत नीलामी के दौरान ही सामने आएगी।
अब मजदूर से किसान बनेगा राजू
राजू गोंड ने बताया है कि हीरे की नीलामी से मिलने वाले पैसों से वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा। इसके अलावा परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए वह जमीन खरीदकर खेती करेगा। राजू पर फिलहाल 4 लाख रुपए का कर्ज भी है, जिसे वह अब चुका देगा। हीरा अधिकारी रवि पटेल का दावा है कि राजू को मिले जेम क्वालिटी के डायमंड की बाजार में अच्छी डिमांड है। ऐसे में राजू को एक करोड़ से ज्यादा की रकम भी मिल सकती है।
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