
सिहोरा। मझौली तहसील के घाना ग्राम में 5 मार्च 2023 को बड़ा देव का चबूतरा हटाने के मामले में शुक्रवार को ग्रामीणों ने थाना घेरा। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज की है और उनकी गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि धार्मिक चबूतरा ढहाए जाने के मामले में आरोपितों के खिलाफ पुलिस धारा 295 ए दर्ज करे, वरना पुलिस थाना प्रांगण में आमरण अनशन किया जाएगा। गौड़ समाज महासभा के पदाधिकारियों ने अपनी मांग को लेकर एसडीओपी सिहोरा को ज्ञापन भी सौंपा।
प्रतिमा को लात मारकर हटाने का आरोप
आदिवासी एकता दल जबलपुर की सुरेश करपैती, गोंड महासभा के सिहोरा तहसील अध्यक्ष नवनीत ठाकुर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य जमुना मरावी, नीलेश प्रताप सिंह, अजय अहिरवार, शिव प्रकाश मानक लाल गोटिया, दयाल चौधरी रोहिणी बाई परस्ते ने बताया कि 5 मार्च को ग्राम धाना में बड़ादेव के पूजन अर्चन के बाद बिरसा मुंडा सहित रानी दुर्गावती की प्रतिमा स्थापित हुई थी। भंडारे का प्रसाद बड़ा देव स्थल पर रखा था, जिसकी सामग्री उठाने के लिए गोविंद सिंह परस्ते, रोहणी बाई, राजा मरावी,राजकुमार मरावी एवं अन्य लोग गए थे। वहां उन्होंने देखा कि बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती की फोटो, जिसकी पूजा की गई थी, उसे गांव के हरिओम पटेल प्रदीप पटेल, अनिल पटेल, अमन पटेल आदि लोगों ने लात मारते हुए हटा दिया और पूजन सामग्री भी फैला दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रदीप और उसके साथियों के हाथों में गैंती, फावड़ा लोहे की रॉड थी। उन्होंने हम पर हमला करने की कोशिश की।
सिर्फ दिखावे की धाराएं लगाईं
#सिहोरा_जबलपुर : धार्मिक चबूतरा ढहाने वालों पर कार्रवाई की मांग। #गोंड_समाज ने #पुलिस को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम। इसके बाद करेंगे आमरण अनशन। 5 मार्च को #बिरसा_मुंडा और #रानी_दुर्गावती की प्रतिमा को लात मारकर हटाने का आरोप।@CMMadhyaPradesh @MPPoliceDeptt #PeoplesUpdate… https://t.co/rK7W80iUVc pic.twitter.com/dKfbL5UrcQ
— Peoples Samachar (@psamachar1) March 10, 2023
मामले को लेकर जब डायल 100 को सूचना दी गई तो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल को देखा और हमसे मामले की जानकारी ली। आरोप है कि पूरी जानकारी के बाद भी पुलिस ने मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है। ग्रामीणों ने कहा- यह स्थल हमारी आस्था का केंद्र है, जिसमें हम पूजन करते रहे हैं। इसका घोर अपमान हुआ है, लेकिन इस बात का कहीं भी कोई जिक्र एफआईआर में नहीं किया गया। हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला पुलिस को दर्ज करना चाहिए था। आक्रोशित आदिवासी समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि इसके पूर्व भी यह लोग ऐसी ही हरकत कर चुके हैं। अब हम पर एफआईआर वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
बढ़ाई जाएंगी धाराएं
SDOP सिहोरा भावना मरावी का कहना है कि संबंधित मामले में आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जहां तक धारा बढ़ाने की बात है उसकी जांच की जा रही है। जांच में कुछ मिलता है तो धाराएं बढ़ाई जाएंगी।