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चुनाव खत्म होते ही जीत के दावे, भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष विजय को लेकर आश्वस्त

वीडी बोले - भाजपा सभी सीटें जीतेगी, इंदौर में तो रिकॉर्ड बनेगा, पटवारी ने कहा - कांग्रेस को 8 से 10 सीटें मिलेंगी, 4 पर हम कमजोर

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा के चौथे एवं अंतिम चरण की आठ सीटों पर मतदान के साथ ही चुनाव की गतिविधियां थम गईं। सियासी दलों के साथ पब्लिक को अब नतीजों (4 जून) का इंतजार है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी 29 सीटें जीतने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि हमने 10 फीसदी वोट बढ़ाने का लक्ष्य तय किया था जो पूरा हुआ। प्रदेश में वोटिंग का ट्रेंड देखने के बाद शर्मा ने कहा कि इंदौर में हम सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड भी बनाएंगे। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का दावा है कि इस बार कांग्रेस मप्र में 8 से 10 सीटों पर जीत का दम दिखाएगी। अंदाजा है कि एकाध अपवाद छोड़ बाकी सीटों पर जीत का अंतर एक लाख के भीतर ही रहेगा। इस चुनाव के बाद पीपुल्स समाचार ने दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों से पांच सवाल पूछे।

पीपुल्स समाचार के भाजपा-कांग्रेस से 5 सवाल

1- सभी सीटों पर वोटिंग के बाद कितनी सीटें जीतने का आकलन है?

2- इंदौर, खजुराहो और विदिशा के चुनाव पर क्या कहेंगे?

3- क्या छिंदवाड़ा, मुरैना, मंडला, रतलाम, ग्वालियर,सतना और राजगढ़ सीट पर कड़ी टक्कर है?

4- पहले -दूसरे चरण की वोटिंग में मतदाता की उदासीनता पर क्या कहेंगे?

5- क्या लोकसभा चुनाव में पार्टी की प्रदेश में वोट शेयर बढ़ाने की मुहिम सफल हो पाई?

वीडी शर्मा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का जवाब

1. हम सभी 29 सीटों पर जीत का रिकॉर्ड बनाएंगे।

2.तीनों सीट पर रिकॉर्ड बनेगा। आश्चर्य नहीं,इंदौर की जीत का अंतर 13-14 लाख तक पहुंचे।

3. टक्कर जैसा कुछ बी नही, ये सभी सीटें हम बड़े अंतर से जीतेंगे।

4. यह सही है कि वोटिंग कम हुई, लेकिन इसके पीछे शादियां और भीषण गर्मी ही मुख्य कारण था।

5.   हां, बिल्कुल… विस में 58 फीसदी था, अब 68 प्रतिशत वोटिंग का अनुमान है। भाजपा का वोट शेयर भी इतना ही बढ़कर आएगा।

 

जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जवाब

1.पिछले चुनाव में एक सीट मिली थी, इस बार 8 से 10 सीटें तो मिलेंगी ही।

2. इंदौर में भाजपा ने सियासी अप्राकृतिक कृत्य किया है। हमने जनता से नोटा की अपील की है।

3. छिंदवाड़ा, मुरैना, मंडला सहित 10 सीटें हमने ए कैटेगरी में रखी हैं। 4 सीटों पर हम कमजोर रहे।

4.उदासीनता थी, चौथे चरण का चुनाव आते-आते स्पष्ट हो गया है कि देश में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं बनेगी।

5. हमने बेरोजगारी, महंगाई, किसानों को दाम नहीं, दलित-आदिवासियों का सम्मान नहीं जैसे मुद्दों पर अपना चुनाव केंद्रित रखा।

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