
कनाडा और भारत के तल्ख होते रिश्ते के बीच जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने देश में नई वीजा पॉलिसी लागू की है। नई इमीग्रेशन पॉलिशी का असर कनाडा में पढ़ रहे भारतीय मूल के छात्रों पर भी होगा। कनाडा में अभी तकरीबन 6 लाख भारतीय मूल के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि इस नई पॉलिशी के तहत कनाडा को अरबों डॉलर नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। नई पॉलिशी से अकेले ओंटारियो प्रांत को ही अगले दो वर्षों में ही 1 अरब कनाडाई डॉलर नुकसान होने की उम्मीद है। इंटरनेशनल कंसल्टेंट्स फॉर एजुकेशन एंड फेयर्स की ओर जारी किए गए एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई।
नई पॉलिसी से भारतीय छात्र होंगे प्रभावित
कनाडा सरकार विदेशी छात्रों की संख्या की सीमा को तय करना चाहती है। इसके लिए कनाडा में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या को मैनेज करने के लिए कई नीतियां भी अपनाई गई हैं। इससे वर्ष 2024 में नई स्टडी परमिट में 35 प्रतिशत की कटौती होगी। वहीं, साल 2025 में 10 प्रतिशत की कटौती देखने को मिलेगी। कनाडा में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की संख्या बहुत अधिक है। अब स्टडी परमिट के लिए छात्रों को 20 हजार से अधिक कनाडाई डॉलर के बचत की जरूरत होगी।
ओंटारियो को होगा सबसे अधिक नुकसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काउंसिल ऑफ ओंटारियों यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष और सीईओ स्टीव ओरसिनी के बताया कि नीतियों में हुए नए बदलाव से ओंटारियों प्रांत के यूनिवर्सिटीज को 2024-25 में 30 करोड़ कनाडाई डॉलर और 2025-26 में 60 करोड़ कनाडाई डॉलर का खर्च आएगा। बता दें, कनाडा में पढ़ रहे करीब 40 फीसदी छात्र ओंटारियो में ही रहते हैं। जिससे नए इमिग्रेशन पॉलिसी का असर सबसे अधिक यहीं देखने को मिलेगा।
कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या का महत्व
साल 2022 में, कनाडा से स्टडी परमिट प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। कनाडा की शिक्षा प्रणाली में भारतीय छात्रों की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। वहीं, बीते अगस्त तक 1,37,445 भारतीय छात्रों को परमिट दिया गया। हालांकि, यह पिछले साल के मुकाबले चार प्रतिशत कम है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है।
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